Telangana Tunnel Collapse Inside Story: तेलंगाना के नगरकुरनूल की टनल में फंसे लोगों को 48 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी उनके निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि अंदर फंसे 8 लोगों के बचने की काफी कम उम्मीद है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य के सीएम रेवंत रेड्डी से बातचीत की है और हालात का जायजा लिया है। आखिर ये मजदूर इस टनल में कैसे फंस गए, इन्हें निकालने के लिए क्या कोशिशें की जा रही हैं और क्या-क्या मुश्किलें सामने आ रही हैं? आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
टनल में कैसे फंस गए मजदूर?
यह टनल नगरकुरनूल के श्रीशैलम डैम के एकदम पीछे बनी हुई है। शनिवार सुबह वर्कर्स को जानकारी मिली कि टनल में पानी और मिट्टी के लीक हो रही है और आठ लोगों की टीम इस लीक को ठीक करने के लिए पहुंची। इसी दौरान टनल का एक हिस्सा ढह गया। कई लोग वहां से भाग निकले, लेकिन 8 लोग वहीं फंस गए, जिनमें 4 मजदूर और 4 कंपनी के कर्मचारी थे। इनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टनल 44 किलोमीटर लंबी है और हादसा करीब 13 किलोमीटर अंदर जाकर हुआ।
मजदूरों को निकालने के लिए क्या किया जा रहा है?
फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए रैट माइनर्स को बुलाया गया है, जिन्होंने 2023 में उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों को निकाला था। इनके अलावा आर्मी, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) और राज्य की एजेंसियां इस ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। सभी को असिस्ट करने के लिए नेवी कमांडोज को भी बुलाया गया है।
#OpSrisailam
SLBC Tunnel Collapse in Nagarkurnool, Telangana.---विज्ञापन---Engineer Task Force (ETF) of #IndianArmy deployed it’s equipment and medical teams to clear debris and facilitate safe evacuation of trapped persons from the collapsed tunnel. Indian Army stands steadfast with all… pic.twitter.com/bqBnnLcP3a
— Southern Command INDIAN ARMY (@IaSouthern) February 23, 2025
क्या हैं बड़े चैलेंज?
अधिकारियों का कहना है कि फंसे हुए लोगों को आवाज दी गई थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उनके जीवित होने की संभावना काफी कम है। रेस्क्यू करने वाली टीम आखिरी 100 मीटर तक पहुंच गई है, लेकिन वहां पानी और मलबा भरा हुआ है, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, बचावकर्मियों ने मजदूरों को निकालने के लिए अतिरिक्त उपकरणों की मांग की है। कल एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सुरंग की दीवारों पर दरारें थीं, जहां से पानी बह रहा था। इसके अलावा, एक और चिंता का विषय पत्थरों के हिलने की आवाजें हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि टनल के ढहे हुए हिस्से की छत अभी भी अस्थिर है।
स्टेट मिनिस्टर कृष्ण राव ने क्या कहा?
स्टेट मिनिस्टर श्री राव ने कहा, “सुरंग के अंदर मलबा इतना ज्यादा जमा हो गया है कि चलना नामुमकिन हो गया है। बचावकर्मी रास्ता बनाने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बचने की संभावना बहुत कम है, लेकिन हम आशावान हैं और कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”