Telangana assembly election: राजस्थान के बाद तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की बारी है… कहने को तो दक्षिण भारत के गेटवे वाले इस राज्य में असली लड़ाई बीआरएस के साथ ही हो रही है… लेकिन कांग्रेस ने सियासी तौर पर जिस तरीके से फील्डिंग तैयार की है उसका असर न सिर्फ अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव बल्कि अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी दिखने वाला है… दोनों पार्टियां तेलंगाना में ध्रुवीकरण के जरिए खुद को मजबूत करने की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण पर फोकस
तेलंगाना कांग्रेस ने ऐलान किया है कि अगर 30 नवंबर के विधानसभा चुनावों में अगर विजयी होती है तो…
– सत्ता में आने के छह महीने के भीतर जाति जनगणना करवायेगी।
– अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजट को सालाना 4,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाएगी।
– नौकरियों, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों सहित सभी पिछड़े वर्गों के लिए उचित आरक्षण देगी।
– कांग्रेस सरकार बनने पर बेरोजगार अल्पसंख्यक युवाओं और महिलाओं को हर साल 1000 करोड़ रुपये कर्ज उपलब्ध कराएगी।
– कांग्रेस अब्दुल कलाम तौफा-ए-तालीम योजना के तहत मुस्लिम, ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यक युवाओं को एम.फिल और पीएचडी कार्यक्रम पूरा करने पर पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देगी।
– कांग्रेस ने सभी धर्मों के पुजारियों के लिए 10,000 रुपये से 12,000 रुपये का मासिक मानदेय देने का वादा किया है।
– पार्टी ने उर्दू के शिक्षकों के लिए विशेष भर्ती आयोजित करने का भी वादा किया है।
– बेघर अल्पसंख्यक समुदायों को घर बनाने के लिए जगह और 5 लाख रुपये दिये जाएंगे।
– अल्पसंख्यक समुदाय के नवविवाहित जोड़ों को 1.6 लाख रुपये शादी के बाद घर बसाने के लिए भी दिए जाएंगे।
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बीआरएस भी इसमें पीछे नहीं
कांग्रेस ने मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए दांव चला है तो बीआरएस भी इसमें पीछे नहीं है। चुनावी रैली में केसीआर ने मुस्लिम समुदाय के लिए ऐसी घोषणा कर दी कि कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। केसीआर ने कहा कि अगर फिर से उनकी सरकार आती है तो वह हैदराबाद के पास पाहड़ी शरीफ में मुस्लिमों के लिए अलग से आईटी पार्क बनाएंगे। इतना ही नहीं…
– केसीआर ने कांग्रेस पर हमला करते हुए उस पर मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक समझने और उनके विकास के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया।
– सरकार ने 10 साल के दौरान अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 12000 करोड़ रुपये खर्च किए।
– जबकि कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासनकाल में सिर्फ 2000 करोड़ रुपये ही खर्च किए।
– आपको बता दें कि मुस्लिम वोटों के लिए केसीआर अपनी सरकार में कई वेलफेयर स्कीम ला चुके हैं।
– शादी मुबारक योजना के तहत गरीब मुस्लिम परिवार को 1 लाख रुपये की मदद मिलती है।
– केसीआर ने सिर्फ मुस्लिमों समुदाय के लिए 296 आवासीय स्कूल और कॉलेज खोले हैं।
– 2014 में केसीआर ने मुस्लिमों समुदाय के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था।
– 2017 में उनकी सरकार ने मुस्लिमों का आरक्षण बढ़ाने का बिल भी पास किया लेकिन वह लागू नहीं हो पाया. फिलहाल अभी मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण हासिल है।