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ट्राई लैंग्वेज से तमिलनाडु में BJP को कितना राजनीतिक फायदा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Political Experts on BJP Language Push in Tamil Nadu: तमिलनाडु में ट्राई लैंग्वेज पाॅलिसी को लेकर केंद्र और डीएमके सरकार आमने-सामने है। ऐसे में आइये जानते हैं बीजेपी को इस नीति के लागू होने से राज्य में कितना राजनीतिक फायदा हो सकता है?

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 22, 2025 14:48
BJP Political Gain Tri-Language Policy
BJP Political Gain Tri-Language Policy

BJP Political Gain Tri-Language Policy: तमिलनाडु में ट्राई लैंग्वेज लैंग्वेज विवाद अब गहराता जा रहा है। एक ओर केंद्र 2019 में लागू हुई न्यू एजुकेशन पाॅलिसी के तहत हर राज्य के छात्रों को तीन भाषाओं के सीखने पर जोर दे रहा है। तो वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु की डीएमके सरकार का कहना है कि तमिलनाडु में हमेशा से दो भाषा की नीति रही है। बता दें कि तमिलनाडु के स्कूलों में तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।

मामले में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन कह चुके हैं कि तमिल लोग ब्लैकमेलिंग और धमकियों से डरने वाले नहीं है। अगर राज्य को समग्र शिक्षा का फंड नहीं मिला तो केंद्र को तमिलों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। वहीं मक्कल निधि पार्टी के कमल हासन ने कहा कि तमिल भाषा उनकी सांस्कृतिक पहचान है। लोगों ने इसके लिए जान दी है। भाषा के मुद्दे को हल्के में न लिया जाए। इस बीच बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने प्रदेश में ट्राई लैंग्वेज को बढ़ावा देने की मुहिम तेज कर दी है। बीजेपी सभी विधानसभाओं में 1 मार्च से इसको लेकर अभियान शुरू करने जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी इस मुद्दे के जरिए तमिलों के बीच राजनीतिक पैठ जमाने की कोशिश में जुटी है।

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जानबूझकर नीति को लटका रही डीएमके सरकार

ट्राई लैंग्वेज के मुद्दे पर बीजेपी को राजनीतिक लाभ होगा या नहीं इसको लेकर सीनियर जर्नलिस्ट और नवोदय टाइम्स के संपादक अकु श्रीवास्तव ने कहा कि तमिलनाडु में सरकार नहीं चाहती कि हिंदी का प्रचार-प्रसार राज्य में हो। इससे डीएमके को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने का डर है। इसलिए सरकार जानबूझकर इस नीति को लागू करना नहीं चाहती है। अगर राज्य के लोग हिंदी भाषा को जानना शुरू करेंगे तो नीतियों के आधार पर डीएमके क्षेत्रीय पार्टी होने से उसको नुकसान है।

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डीएमके को राजनीतिक नुकसान का डर

डीएमके सरकार किसी भी सूरत में अपने राज्य में ऐसा नहीं होने देगी। ऐसे में आगे जाकर यह टकराव और बढ़ सकता है। तमिलनाडु में भाषा के आधार पर तमिलों का वोट डीएमके और एआईडीएमके को मिलता रहा है। बीजेपी को चुनाव में फायदा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि थोड़ा बहुत फायदा बीजेपी को मिल सकता है। हां कितना फायदा मिलेगा तो ये तो चुनाव के समय ही कहा जा सकता है।

जानें क्या है 3 लैंग्वेज फाॅर्मूला?

नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार देश के किसी भी सरकार और प्राइवेट स्कूलों में 3 भाषाएं सिखाई जाएंगी। इनमें दो भारतीय भाषाएं और एक अन्य भाषा होगी। पहली भाषा स्टूडेंट की मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी। जहां तक संभव हो छात्र की प्राथमिक शिक्षा इसी भाषा में होगी। दूसरी भाषा आमतौर पर हिंदी या राज्य की दूसरी भारतीय भाषा होगी। तीसरी भाषा अंग्रेजी या कोई अन्य भारतीय या विदेशी भाषा होगी। शिक्षा नीति में प्रावधान है कि राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की छूट है कि वे कौनसी तीन भाषाएं बच्चों को पढ़ाएंगे। किसी भी भाषा को अनिवार्य रूप से थोपने का प्रावधान नहीं है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Feb 22, 2025 02:48 PM

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