Tamilnadu Government School Girl Repeated Misdeed: तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल की छात्रा को बार-बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जब मामला स्कूल की हेडमास्टर तक पहुंचा तो उन्होंने आरोपी छात्रों पर कार्रवाई के बजाए, छात्रा को ही मानसिक रूप से बीमार बता दिया।
मामला तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के एक सरकारी स्कूल का है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल की छात्रा को स्कूल के ही नाबालिग छात्रों ने बार-बार शिकार बनाया। मामले की जानकारी पीड़िता ने स्कूल टीचर को दी थी, लेकिन उसकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया था।
स्कूल टीचर ने छात्रा की शिकायत को बार-बार नजरअंदाज किया
जानकारी के मुताबिक, 2 अगस्त को कक्षा 6 की छात्रा को पहली बार यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। आरोप के मुताबिक, कक्षा 9 और 10 के तीन नाबालिग लड़कों ने स्कूल परिसर के अंदर ही वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता के अनुसार, उसने अपने क्लास टीचर से शिकायत की, जिन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद 3 और 4 अगस्त को आरोपी छात्रों ने फिर से वारदात को अंजाम दिया।
4 अगस्त को जब पीड़िता के पेट में दर्द हुआ तो उसने फिर स्कूल टीचर से शिकायत की। इसके बाद पीड़िता के पिता को को हेड मिस्ट्रेस (HM) से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए कहा गया। जब पीड़िता के पिता ने हेड मिस्ट्रेस से मुलाकात की तो उन्हें बताया कि उनकी बेटी ठीक से खाना नहीं खा रही है। साथ ही अपने शिक्षकों और दोस्तों को जवाब नहीं दे रही है।
स्कूल के प्रधान अध्यापिका ने छात्रा को मानसिक रूप से बीमार बताया
पीड़िता के पिता की शिकायत के मुताबिक, HM ने मेरी बेटी को ‘मानसिक रूप से बीमार’ कहा और मुझे उसे जांच के लिए अयनावरम में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (IMH) ले जाने के लिए कहा। हमें IMH से एग्मोर चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल भेज दिया गया। 7 अगस्त को अस्पताल में मेरी ने खुलकर बात की और फिर मुझे जानकारी हुई कि मेरी बेटी के साथ क्या-क्या हुआ है।
छात्रा के पिता ने बताया कि डॉक्टरों की ओर से बच्ची का बयान दर्ज करने के बाद 8 अगस्त को मेडिकल जांच की गई और यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई। अगले दिन, अवदी ऑल महिला पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई। अवाडी के DCP एन भास्करन ने कहा कि आरोपी नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया। बोर्ड के निदेशकों के अनुसार, नाबालिग लड़कों की काउंसलिंग की जा रही है और वे उसी स्कूल में पढ़ रहे हैं।