Who Is Tamilisai Soundararajan : तमिलनाडु में भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन का नाम पिछले साल बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) की अगुवाई वाली तेलंगाना सरकार के साथ विवाद के चलते चर्चा में आया था। अब वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके चर्चा में आने का कारण एक वीडियो क्लिप है। भाजपा नेताओं का एक खेमा बता रहा है कि वायर हो रही इस वीडियो क्लिप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई के खिलाफ सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने को लेकर सुंदरराजन को चेतावनी दी है।
Amit Shah Ji Spoke Sternly To Dr Tamilisai Soundararajan At Chandrababu Naidu’s Swearing-In Ceremony In Andhra Pradesh. pic.twitter.com/WtIaPH3HYh
---विज्ञापन---— KVIyyer Modi Ji’s Family – BHARAT 🇮🇳🇮🇱 (@BanCheneProduct) June 12, 2024
इस वीडियो के सामने आने से कुछ दिन पहले सुंदरराजन ने एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी का अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन बना रहता तो प्रदर्शन बेहतर हो सकता था। बता दें कि अन्नामलाई का रुख इससे उलट है। सुंदराजन ने कहा था कि मैं पहले पार्टी के असामाजिक तत्वों को नजरअंदाज कर दिया करती थी। लेकिन, हाल ही में, ऐसे कई तत्व पार्टी में आ गए हैं और कुछ जिलों में उन्हें पद भी मिल गए हैं। इससे बचना चाहिए। पार्टी के लिए मेहनत से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इसका ईनाम मिलना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि वह एक खराब नेता हैं।
शाह की वॉर्निंग का मतलब क्या?
बुधवार को भाजपा के कई सोशल मीडिया हैंडल्स से आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान मंच का एक वीडियो शेयर किया गया। इसमें शाह और सुंदरराजन मंच पर नजर आ रहे हैं। भाजपा की सोशल मीडिया सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष कार्तिक गोपीनाथ ने भी इस पूरे मामले को लेकर रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा लिखा है कि ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तमिलिसाई को बेहद सख्त चेतावनी मिली है। उन्होंने आगे सवाल किया कि लेकिन इस सार्वजनिक चेतावनी का क्या मतलब हो सकता है? कहीं इसके पीछे अनुचित सार्वजनिक टिप्पणियां तो वजह नहीं हैं?
कौन हैं तमिलिसाई सुंदरराजन?
तमिलिसाई सुंदरराजन तमिलनाडु में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुमारी अनंतन की बेटी हैं। वह पिछले एक दशक से ज्यादा समय से भाजपा के प्रभावशाली नेताओं में से एक बनी हुई हैं। भाजपा के साथ उनका राजनीतिक करियर करीब 2 दशक से चल रहा है। इस दौरान उन्होंने कई अहम चुनावी और प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभाली हैं। साल 2014 में भाजपा ने सुंदरराजन को तमिलनाडु में पार्टी का प्रमुख बनाया था। हिंदी पट्टी से बाहर भाजपा का आधार बनाने के लिए लिए गए अमित शाह के इस फैसले ने कई लोगों को हैरान कर दिया था। फिर, सितंबर 2019 में सुंदरराजन को तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें डीएमके की कनिमोझी के हाथों हार मिली थी। 2006, 2011 और 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, ये सभी चुनावी लड़ाइयां काफी मुश्किल थीं क्योंकि भाजपा को तमिलनाडु में हाशिये का खिलाड़ी ही माना जाता था। तेलंगाना की राज्यपाल रहते हुए फरवरी 2021 में उन्हें पुडुचेरी का लेफ्टिनेंट गवर्नर भी नियुक्त किया गया था। इस साल मार्च में उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर चुनावी राजनीति में वापसी की थी। इस आम चुनाव में उन्होंने चेन्नई साउथ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। लेकिन, उन्हें 2.25 लाख मतों के अंतर से बड़ी हार मिली।