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तमिलनाडु की जेल में चल रहा था ‘गंदा खेल’, कैदियों को घरों में नौकर बनाने पर नपे IAS-PCS

Tamil Nadu Vellore Jail News: तमिलनाडु के जेल में कैदियों को गुलाम बनाकर रखा जा रहा था। अधिकारियों के घर में कैदियों से काम करवाया जाता था। अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 9, 2024 10:43
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Vellore Jail Tamil Nadu

Tamil Nadu Vellore Jail News: जेल में बंद अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती। कैदी जेल के अंदर की काम करते हैं। मगर तमिलनाडु के वेल्लोर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वेल्लोर के कैदियों को अफसरों के घर नौकर बनाकर रखा जा रहा था। कैदी अधिकारियों के घर की साफ-सफाई करने से लेकर रोजमर्रा के सभी जरूरी काम करते थे। इसके वाबजूद उन पर चोरी का इल्जाम लगाकर उन्हें पीटा जाता था। वेल्लोर के कई बड़े अधिकारी इस कर्मकांड में शामिल थे, जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

अधिकारियों पर दर्ज हुई FIR

जेल की डीआईजी राजलक्ष्मी के अलावा उनके निजी अधिकारी राजू, जेल के अतिरिक्त अधीक्षक ए अब्दुल रहमान, जेलर अरुल कुमारन और दस कॉन्स्टेबलों का नाम इस लिस्ट में शामिल है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 49 (उकसाने), धारा 115 (2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 118 (2) (गंभीर चोट पहुंचाना), 127 (8) (गलत तरीके से बंदी बनाना) और 146 (अवैध श्रम) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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कैदी पर लगाया लाखों की चोरी का इल्जाम

वेल्लोर की जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे एस शिवकुमार का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती डीआईजी राजलक्ष्मी के घर पर सफाई करने के लिए भेजा जाता था। एक दिन उन पर चोरी का झूठा इल्जाम लगा दिया गया। पुलिस का कहना था कि शिवकुमार ने डीआई के घर से 4.5 लाख रुपये का कीमती सामान चोरी किया है। शिवकुमार के अनुसार चोरी के इल्जाम में उन्हें खूब मारा-पीटा गया और फिर उन्हें तीन महीने के लिए एकांत कारावास में बंद कर दिया गया। शिवकुमार की मां ने इसकी जानकारी अदालत को देते हुए न्याय की गुहार लगाई।

मजिस्ट्रेट ने लिया एक्शन

जब यह मामला मजिस्ट्रेट के सामने पहुंचा, तो वो भी हैरान रह गए। उन्होंने शिवकुमार को सेंट्रल जेल में भेजने का आदेश दिया और सभी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। वेल्लोर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) जी राधाकृष्णन ने इस मामले की जांच करने के बाद हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। इस केस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति वी शिवगनम की पीठ ने अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट पहुंचा मामला

हाईकोर्ट ने सभी अधिकारियों को तगड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट का कहना है कि अधिकारियों ने जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के साथ-साथ कैदियों का भी उत्पीड़न किया है। जेल अधिकारी अपराधों में लिप्त पाए गए हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 09, 2024 10:43 AM

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