MK Stalin writes letter to 7 CMs on delimitation exercise: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन केंद्र सरकार पर ‘हिंदी थोपने’ और परिसीमन को लेकर लगातर हमलावर हैं। इसी बीच उन्होंने परिसीमन के मुद्दे पर शुक्रवार को 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर बैठक के लिए बुलाया है। स्टालिन ने जिन 7 सीएम को पत्र लिखा है, उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी शासित ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी शामिल हैं। बता दें कि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले स्टालिन हिंदी भाषा और परिसीमन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को जमकर घेर रहे हैं।
इन 7 राज्यों के सीएम को लिखा पत्र
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने जिन 7 राज्यों के सीएम को पत्र लिखा है, उनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, भाजपा शासित ओडिशा के सीएम मोहन चंद्र माझी, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। यहां चौंकाने वाली बात ये है कि परिसीमन के मुद्दे पर केंद्र के विरोध में स्टालिन ने बीजेपी शासित ओडिशा और NDA गठबंधन शासित आंध्र प्रदेश के सीएम को भी बुलाया है। साथ ही इन राज्यों में गैर-सत्तारूढ़ दलों और भाजपा के वरिष्ठ राजनेताओं को 22 मार्च को चेन्नई में एक बैठक में ‘सामूहिक पाठ्यक्रम तैयार करने’ के लिए कहा है। सीएम स्टालिन ने इनसे केंद्र द्वारा प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास (Delimitation Exercise) के खिलाफ राजनीतिक दलों की ‘जॉइंट एक्शन कमेटी’ में शामिल होने का आह्वान किया है। अपने पत्र में उन्होंने बताया कि 1976 के बाद परिसीमन अभ्यास को 2002 के संशोधन द्वारा रोक दिया गया था, उस समय भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। उस समय कहा गया था कि लोकसभा सीटों की कुल संख्या में परिवर्तन ( 543) कम से कम 2026 तक स्थगित रहेगा।
सीएम स्टालिन ने एक्स पोस्ट में कही यह बात
सीएम एमके स्टालिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘परिसीमन संघवाद पर एक जबरदस्त हमला है, जो संसद में हमारी जायज आवाज को छीनकर जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित करने वाले राज्यों को दंडित करता है। हम इस लोकतांत्रिक अन्याय की अनुमति नहीं देंगे! उन्होंने लिखा, ‘यह क्षण नेतृत्व और सहयोग की मांग करता है। राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर हमारे सामूहिक हित के लिए खड़ा होना चाहिए।’
The Union Govt’s plan for #Delimitation is a blatant assault on federalism, punishing States that ensured population control & good governance by stripping away our rightful voice in Parliament. We will not allow this democratic injustice!
---विज्ञापन---I have written to Hon’ble Chief… pic.twitter.com/1PQ1c5sU2V
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 7, 2025
‘यह तमिल लोगों पर हमला’
स्टालिन और उनकी सरकार केंद्र द्वारा ‘हिंदी थोपने’ और परिसीमन प्रक्रिया का जोरदार विरोध कर रही है, उनका तर्क है कि इनमें से कोई भी आवश्यक नहीं है और संयुक्त रूप से यह संविधान की संघीय प्रकृति और तमिल लोगों और भाषा पर हमला है। उन्होंने कहा कि भाषाई समानता की मांग करना अंधराष्ट्रवादी होना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि असली अंधराष्ट्रवादी और राष्ट्रविरोधी हिंदी कट्टरपंथी हैं, जो मानते हैं कि उनका अधिकार स्वाभाविक है और विरोध करना देशद्रोह है।
ये भी पढ़ें:- नवविवाहितों से CM की अपील- तुरंत बच्चे पैदा करें, Delimitation Row के बीच स्टालिन का तंज
केंद्र आरोपों को कर चुका है खारिज
बता दें कि सीएम स्टालिन के दोनों आरोपों को केंद्र खारिज कर दिया है। हिंदी थोपने के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है था कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और तीन भाषा फार्मूला किसी भी छात्र को हिंदी पढ़ने के लिए बाध्य नहीं करता है। साथ ही परिसीमन की आलोचना को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहते हुए टाल दिया था कि दक्षिणी राज्यों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।