Waqf Board Kya Hai: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता का बरकरार रखा है, लेकिन कानून की कुछ धाराओं पर रोक लगाकर और कुछ शर्तों में बदलाव भी किया है. अप्रैल 2025 में राष्ट्रपति मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद वक्फ कानून को नोटिफाई किया गया था, लेकिन कानून की वैधता के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. दोनों पक्षों का फैसला सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो 15 सितंबर 2025 को सुनाया गया.
क्या है वक्फ और इस्तेमाल?
बता दें कि जब कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी चल या अचल संपत्ति को अल्लाह के नाम पर दान कर देता या अल्लाह को समर्पित कर देता है तो वह प्रॉपर्टी वक्फ बन जाती है. जब कोई प्रॉपर्टी वक्फ घोषित हो जाती है तो वह अल्लाह की हो जाती है, उसे न बेचा जा सकता है और न ही तोहफ में दिया जा सकता है और न ही विरासत में किसी के नाम किया जा सकता है. वहीं वक्फ प्रॉपर्टी को मस्जिद, स्कूल, अस्पताल बनाने के लिए या गरीबों, जरूरतमंदों और यात्रियों के लिए दान की जा सकती है. इससे होने वाली इनकम को धार्मिक कार्यों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
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क्या है वक्फ बोर्ड और शक्तियां?
बता दें कि भारत में वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट, रख-रखाव और संरक्षण के लिए वक्फ बोर्ड बनाए गए हैं. एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड है और 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं. वक्फ बोर्ड ही फैसला लेता है कि वक्फ प्रॉपर्टी को कैसे इस्तेमाल करना है? वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री होते हैं. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को उसके कामकाज के लिए फंड जारी किया जाता है. वहीं अगर किसी वक्फ प्रॉपर्टी पर स्कूल, अस्पताल, मस्जिद आदि बनाया जाता है तो उसका खर्च भी सरकार ही वहन करेगी.
वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा एक सर्वेयर भी होता है, जो यह तय करता है और रिकॉर्ड रखता है कि कौन-सी प्रॉपर्टी वक्फ की है और कौन-सी प्रॉपर्टी वक्फ की नहीं है. वक्फ बोर्ड कब्रिस्तानों की घेरेबंदी करवाकर उसके आस-पास की जमीन को वक्फ घोषित कर सकता है. मजारों के आस-पास की जमीनों भी वक्फ होती है. अगर एक बार किसी प्रॉपर्टी को वक्फ घोषित कर दिया तो उसे वापस लेने के लिए कोर्ट में अपील नहीं कर सकते, बल्कि वक्फ बोर्ड को अपील देनी होगी. बोर्ड ही तय करेगी कि संपत्ति का क्या करता है.
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वक्फ बोर्ड का फैसला अगर आपके पक्ष में नहीं आया तो भी उस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील नहीं कर सकते हैं, लेकिन वक्फ टिब्यूनल में अपील कर सकते हैं, जिसके सदस्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं. वहीं ट्रिब्यूलन के फैसले को भी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती.
क्या है वक्फ कानून 2025?
मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए वक्फ संशोधन कानून 2025 बनाया है. इसका मकसद वक्फ बोर्ड की किसी भी जमीन को वक्त संपत्ति घोषित करने वाली पावर पर रोक लगाना है. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को भी शामिल करना है. कानून बनने के बाद यह UMEED कहलाता है और इसके लिए UMEED नाम से एक पोर्टल भी लॉन्च हुआ है.
वक्फ संशोधन कानून 2025 को लोकसभा में 288-232 और राज्यसभा में 128-95 मतों के साथ पारित करके राष्ट्रपति मुर्मू से मंजूर कराकर इसे 5 अप्रैल 2025 को अधिसूचित कर दिया गया था और देशभर में लागू भी कर दिया गया था, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संस्थाओं ने वक्फ संशोधन कानून 2025 का विरोध करते हुए इसकी संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए.