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CAA पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, धारा 6A पर छिड़ा था विवाद; सेक्शन का अप्रवासियों से कनेक्शन

Verdict on Section 6A: नागरिकता कानून की धारा 6A को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। इस धारा को असंवैधानिक बताते हुए याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज अहम फैसला आया। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 17, 2024 12:12
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Supreme Court
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Supreme Court Verdict on Section 6A: सुप्रीम कोर्ट ने आज नागरिकता कानून की धारा 6A को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। इस धारा को असंवैधानिक बताया जा रहा था, लेकिन अब यह धारा बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने नागरिकता कानून 1955 की धारा 6A को 4-1 के बहुमत से संवैधानिक ठहराया है, जबकि जस्टिस पारदीवाला ने अल्पमत के फैसले में इसे असंवैधानिक ठहराया। फैसला सुनाने वाले 5 सदस्यों की बेंच में CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परीदावाला, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।

बता दें कि बंगलादेश के अस्तित्व में आने के साथ ही असम में अवैध आप्रवासियों की घुसपैठ होने लगी थी। इस घुसपैठ ने असम की संस्कृति और जनसांख्यिकी को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया था। नागरिकता कानून की धारा 6ए अवैध तरीके से भारत में घुसे बांग्लादेशी अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करती है। यह नियम उन लोगों पर लागू होता है, जो 1 जनवरी 1966 और 25 मार्च 1971 के बीच असम में आए थे। इसी नियम का विरोध करते हुए याचिका दायर की गई थी। याचिका पर लंबी सुनवाइयों और दोनों पक्षों की दलीलों के बाद फैसला सुनाया गया है।

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केंद्र व राज्य सरकारों को भी दिया एक आदेश

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 6A उन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, जो संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में नहीं आते। सुप्रीम कोर्ट ने धारा बरकरार रखने के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों को भी एक आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि सरकारें अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करनें। उनका पता लगाकर उनके निर्वासन के लिए असम में NRC को लेकर जारी किए गए उन निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू कराएं, जो पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की सरकार के कार्यकाल में दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट खुद इस आदेश के लागू होने की निगरानी करेगा।

इसलिए जोड़ी गई थी एक्ट में धारा

बता दें कि साल 2019 में बने और साल 2024 में लागू हुए सिटीजनशिप एक्ट में धारा 6A को इसलिए जोड़ा गया था, ताकि 1985 में हुए असम समझौते को आगे बढ़ाया जा सके। इस समझौते के तहत असम में बाहर से आने वाले लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। इसके विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए को जोड़ा गया था। इस धारा के तहत प्रावधान किया गया कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत विभिन्न देशों से आए और असम में बस गए। जो लोग 1 जनवरी 1966 या उसके बाद और 25 मार्च 1971 से पहले असम में बस गए और तब से असम में ही रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। नागरिकता लेने के लिए उन्हें धारा 18 के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 17, 2024 11:37 AM

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