Supreme Court Judgedment In Abortion Case: बच्चे को मौत की सजा कैसे दी जा सकती है? क्या आप बच्चे को मारना चाहती हैं? 26 हफ्ते तक आप क्या कर रही थीं? तब यह ख्याल नहीं था कि बच्चे को पाल नहीं सकती। 2 बच्चे और हैं, बावजूद इसके आप तीसरे बच्चे को मारना चाहती हैं, आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने एक मां की गर्भपात कराने की मंजूरी मांगते हुए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चे को मौत की सजा कैसे दी जा सकती है? बच्चे को इस तरह मारा नहीं जा सकता। डॉक्टरों को भ्रूण हत्या करने के लिए नहीं कहा जा सकता।
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दोटूक फैसला- बच्चे को इस तरह नहीं मार सकते हम
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने केस में फैसला दिया। साथ ही विशेष टिप्पणियां भी कीं। महिला को गर्भपात कराने की मंजूरी देने की अपील केंद्र सरकार ने भी की थी, जिस पर 10 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रोक लगाई थी। इसके बाद 12 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम बच्चे को इस तरह मार नहीं सकते। सुप्रीम कोर्ट ने महिला को फिर से विचार करने और अपनी याचिका वापस लेने का मौका भी दिया, लेकिन महिला अपनी बात पर अड़ी रही तो सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिका खारिज कर दी। कड़ी टिप्पणियां भी कीं।
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मारना नहीं चाहती, लेकिन प्रेग्नेंसी भी नहीं चाहती महिला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अजन्मे बच्चे का हक नहीं मारा जा सकता है। अगर महिला की याचिका स्वीकार की जाती है तो यह भ्रूण हत्या करने जैसा होगा, जो देश में कानूनी अपराध घोषित किया जा चुका है। क्या बच्चे को मौत की सजा देना ही विकल्प है? कैसे दी जा सकती है बच्चे को मौत की सजा। सुप्रीम कोर्ट ने महिला से पूछा कि क्या वह बच्चे को मारना चाहती है? इसके जवाब में महिला की वकील कह चुकी है कि उसकी क्लाइंट बच्चे को नहीं मारना चाहती, लेकिन वह प्रेग्नेंसी पूरी भी नहीं करना चाहती? यह जवाब संतोषजनक नहीं है। यौन शोषण की शिकार या रेप पीड़िता होती तो मंजूरी दे सकते थे, लेकिन इस केस में नहीं दे सकते।