नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मथुरा के धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर जी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। याचिका में सरकार को ‘सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून’ बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। शीर्ष अदालत ने नोटिस को एससी अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक समान लंबित याचिका के साथ टैग किया। मसलन मामले पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ इसे जोड़ दिया गया है। अब सब पर साथ सुनवाई होगी।
देवकीनंदन ठाकुर जी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि देखना हो तो सर्वोच्च न्यायालय विधि आयोग को कह सकता है कि वो अन्य विकसित देशों में ऐसे जनसंख्या नियंत्रण कानूनों और नीतियों की समीक्षा कर ले। याचिका में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के चलते लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है।
देवकीनंदन ठाकुर जी ने जोर देकर कहा कि जनसंख्या विस्फोट से हुई चोट ‘बेहद बड़ी’ है, खासकर महिलाओं के लिए। याचिका में कहा गया है, ‘महिलाओं पर बार-बार बच्चे पैदा करने के प्रभाव को आला क्षेत्रों के बाहर शायद ही कभी उजागर किया जाता है। भारत जैसे विकासशील देशों में चार से अधिक व्यवहार्य जन्मों के रूप में परिभाषित ग्रैंड मल्टीपैरिटी की घटनाएं 20% हैं जबकि विकसित देशों में यह केवल 2% है।’