सुप्रीम कोर्ट: हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में सांप्रदायिक हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को रैलियों में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
तीन राज्यों सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि धार्मिक संगठनों द्वारा की जा रही रैलियों में कोई नफरत भरे भाषण और हिंसा न हो। इसके अलावा खंठपीठ ने मामले में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है।
रैलियों की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए
अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि रैलियों की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और जहां भी संभव हो सीसीटीवी का उपयोग किया जाए। वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए।
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स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था
सुनवाई के दौरान पेश याचिका में कहा गया कि दिल्ली-एनसीआर में रैलियां हो रही हैं। ये सभी संवेदनशील इलाकों में हो रही हैं, जिससे स्थिति अस्थिर हो सकती है। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2022 और अप्रैल 2023 में पुलिस को नफरत भरे भाषण अपराधों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।
समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरे भाषण न हों
अदालत ने कहा कि हमें आशा और विश्वास है कि पुलिस अधिकारियों सहित राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरे भाषण न हों। कोर्ट ने कहा पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि कोई हिंसा या किसी प्रकार की संपत्तियों को नुकसान न हो।