Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन में श्री बांके मंदिर में भगवान के दर्शन का वक्त बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मथुरा के मथुरा के जिलाधिकारी, मंदिर मैनेजमेंट कमेटी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई अब जनवरी के पहले हफ्ते में होगी. याचिका में मंदिर के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के कुछ फैसलों को चुनौती दी गई है. इसमे भगवान के दर्शन का वक्त बढ़ाया जाना, देहरी पूजा को रोका जाना शामिल है.
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क्या कहना है विरोध करने वालों का?
बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने भगवान के दर्शन का वक्त रोजाना ढाई घंटे बढ़ा दिया है, लेकिन मंदिर के सेवायत (पुजारियों) ने इसका विरोध किया है. मंदिर की अपनी मैनेजमेंट कमेटी ने दर्शन बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान के दर्शन के वक्त को नहीं बदला जा सकता. दर्शन का समय बदलने से भगवान से जुड़े रिवाजों का भी वक्त बदलता है. भगवान का आराम करने का अपना वक्त होता है. इसमें दखल नहीं दिया जा सकता. इसलिए भगवान के दर्शन का समय बढ़ाया जाना उचित नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले में की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में टिप्पणी की और भगवान के दर्शन का समय बढ़ाने पर आपत्ति जताने पर सवाल उठाया कि मंदिर में भगवान के दर्शन का वक्त अगर बढ़ाया गया है तो इस पर क्या ऐतराज होना चाहिए? भगवान के आराम के वक्त उन्हें आराम कहां करने दिया जाता है. भगवान के आराम करने के वक्त आम श्रद्धालु उनके दर्शन नहीं कर सकते, लेकिन प्रभावशाली लोग बड़ी रकम देकर पूजा कर पाते हैं. पैसे देकर भगवान के आराम करने के वक्त भी उन्हें पूजा करने की इजाजत होती है, आखिर ऐसा क्यों होता है?










