Supreme Court on Dog Case: आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान कहा गया कि कुत्तों को रिहायशी इलाकों से हटाना होगा। उनको मारने के लिए नहीं कह रहे हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने कहा कि मुद्दे का समाधान होना चाहिए। सुनवाई में कहा गया कि कुत्तों के डर से लोग अपने बच्चों को बाहर नहीं भेज रहे हैं। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि ‘किसी भी देश में दो पक्ष होते हैं, जिसमें एक मुखर रहता है और दूसरा सहने वाला होता है।
तीन जजों की बैंच कर रही सुनवाई
पिछली सुनवाई के बाद लोगों ने काफी विरोध किया। इसके बाद बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने बड़ा फैसला लेते हुए इस केस को 3 जजों की बेंच को सौंप दिया। इस बेंच में जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया शामिल हैं। सुनवाई के दौरान कहा गया कि इस समस्या का बस समाधान निकलना चाहिए।
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Supreme Court reserves order on prayer seeking interim stay on the August 11 order, where the two-judge bench ordered shifting Delhi-NCR stray dogs to the shelter homes pic.twitter.com/rBQo0GCKk5
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 14, 2025
कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता- SG
दिल्ली सरकार की तरफ से सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि ‘कुत्तों की नसबंदी से उनके काटने के मामले कम नहीं हो रहे हैं। कोई भी उनसे नफरत नहीं करता है।’ उन्होंने कहा कि ‘हम उन्हें मारने के लिए नहीं कह रहे, बल्कि रिहायशी इलाकों से दूर रखने की मांग कर रहे हैं।
फैसला रखा गया सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट के तीनों जजों की बेंच ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। पिछली बार दो जजों की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को शेल्टर होम्स में भेजने का आदेश दिया था। इसका लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया।
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