नई दिल्ली: स्पाइसजेट के यात्रियों को बस नहीं मिलने के आरोपों के बाद विमानन कंपनी की ओर से सफाई दी गई है जबकि यात्रियों ने अपनी आपबीती भी बताई है। यात्रियों के मुताबिक, स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली फ्लाइट में 186 यात्री सवार थे। शनिवार को देर शाम करीब 11.24 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी।
यात्रियों के मुताबिक, फ्लाइट के लैंड होने के बाद एक बस तुरंत विमान के पास पहुंची और यात्रियों के एक वर्ग को टर्मिनल 3 पर ले गई। उन्होंने बताया कि बाकी यात्रियों ने करीब 45 मिनट तक इंतजार किया और जब उन्होंने अपने लिए कोई बस नहीं देखी तो वे टर्मिनल की ओर चलने लगे जो करीब 1.5 किमी दूर था। इन यात्रियों के करीब 11 मिनट तक टरमैक पर चलने के बाद करीब 12 बजकर 20 मिनट पर एक बस उन्हें टर्मिनल तक ले जाने के लिए आई।
डीजीसीए ने घटना की जांच की बात कही है
बता दें कि शनिवार देर शाम को स्पाइसजेट की फ्लाइट हैदराबाद से दिल्ली पहुंची। इस दौरान यात्रियों को टर्मिनल तक जाने के लिए 45 तक बस का इंतजार करना पड़ा लेकिन जब बस नहीं आई तो यात्री टरमैक (tarmac) पर पैदल ही टर्मिनल की ओर निकल पड़े। घटना की सूचना के बाद एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA)ने घटना की जांच की बात कही है।
उधर, स्पाइसजेट ने सफाई देते हुए कहा है कि बसों के आने में थोड़ी देरी हुई, लेकिन जब यात्रियों ने टर्मिनल की ओर चलना शुरू किया तो बस वहां पहुंच चुकी थी। इसके बाद हमारे कर्मचारियों ने बार-बार यात्रियों से बस में सवार होने का अनुरोध किया। इसके बाद यात्रियों को बस के जरिए टर्मिनल तक ले जाया गया।
रनवे के साइड वाला एरिया होता है टरमैक
बता दें कि यात्रियों को टरमैक एरिया में जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि ये सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। ये रनवे की साइड वाला एरिया होता है। इस पर केवल यात्रियों को लाने वाली बसों को ही चलाने की अनुमति है। बता दें कि एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों को टर्मिनल से विमान तक और फिर विमान से टर्मिनल तक लाने के लिए बसों का यूज करती हैं।