नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 26 नवंबर SKM के नेतृत्व वाले किसान संघर्ष की दूसरी वर्षगांठ पर राजभवन तक मार्च करेगा। इसके बाद वह संबंधित राज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपेगा।
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Samyukta Kisan Morcha to hold marches to Raj Bhawans on November 26
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— ANI Digital (@ani_digital) November 17, 2022
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दर्शन पाल, हन्नान मोल्लाह, युधवीर सिंह, अविक साहा और अशोक धवले सहित एसकेएम नेताओं ने देश के सभी किसानों से मार्च निकालने का आह्वान किया। कई अन्य मांगों के साथ, SKM ने सरकार से सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान करने के लिए कहा है, जिसे 50 प्रतिशत के लाभ मार्जिन पर निर्धारित किया जाना चाहिए।
यह मांग दोहराई
मीडिया को दिए बयान में किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों और पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। एसकेएम नेताओं ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान के लिए किसानों को तेजी से मुआवजा देने के लिए एक व्यापक और प्रभावी फसल बीमा योजना, सभी सीमांत, छोटे और मध्यम स्तर के किसानों और कृषि श्रमिकों को 5000 रुपये प्रति माह की पेंशन और सभी झूठे मामलों को वापस लेने की भी मांग की।
शहीदों को मुआवजा
एसकेएम ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान देने की मांग की। बता दें कि 26 नवंबर 2020 को SKM ने ऐतिहासिक “मार्च टू दिल्ली” लॉन्च किया था, जो दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा किसान आंदोलन बना।
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