अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) मिलकर एक स्पेस मिशन लॉन्च कर रहे हैं। इस मिशन का नाम Axiom-4 मिशन है, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला करेंगे।
शुभांशु शुक्ला मिशन के 4 क्रू मेंबर्स में से एक होंगे और मिशन के पायलट होंगे। अगले महीने मई 2025 में इस मिशन को लॉन्च करने की तैयारी है। मिशन के अंतर्गत शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में करीब 14 दिन बिताएंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को ही सोशल मीडिया X पर इस मिशन के बारे में बताया।
अगले महीने अंतरिक्ष में जाएंगे भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला
---विज्ञापन---◆ NASA के सहयोग से इंडियन एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अगले महीने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे
◆ शुभांशु भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं #ShubhanshuShukla | Shubhanshu Shukla | #ISRO | #NASA | Indian… pic.twitter.com/E0YgWB44lX
— News24 (@news24tvchannel) April 19, 2025
मिशन के पायलट होंगे शुभांशु शुक्ला
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। शुभांशु से पहले राकेश शर्मा वर्ष 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में गए थे। चारों एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में 14 दिन रहेंगे। शुभांशु इस मिशन के पायलट होंगे।
मिशन में शुभांशु के अलावा 3 और देशों के 3 एस्टोनॉट होंगे। स्लावोज उज़्नान्स्की पौलैंड के एस्ट्रोनॉट हैं, जो साल 1978 के बाद स्पेस में जाने वाले पोलैंड के दूसरे एस्ट्रोनॉट होंगे। टिबोर कापू हंगरी के एस्ट्रोनॉट हैं, जो साल 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले हंगरी के दूसरे एस्ट्रोनॉट होंगे। पैगी व्हिटसन अमेरिका की अंतरिक्ष यात्री हैं और उनका यह दूसरा कॉमर्शियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है।
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कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
बता दें कि शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के निवासी हैं। अलीगंज के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़े। 12वीं करने के बाद नेशनल डेफेंस एकेडमी (NDA) जॉइन की। 17 जून 2006 को फाइटर विंग अफसर के तौर पर भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने। उन्हें 2000 घंटे से ज्यादा का उड़ान भरने का अनुभव है।
सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे लड़ाकू विमान शुभांशु उड़ा चुके हैं। साल 2019 में शुभांशु का सेलेक्शन गगनयान मिशन के लिए हुआ था। साल 2019 से साल 2021 तक शुभांशु ने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बेसिक एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग ले चुके हैं। शुभांशु ने बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी सेंटर में भी प्रशिक्षण लिया है।