बेंगलुरु: कर्नाटक में एक 35 साल का युवक अपनी प्रेमिका के लिए सीरियल किलर बन गया। आरोपी ने प्रेमिका के साथ मिलकर तीन महिलाओं की हत्या की। फिर तीनों महिलाओं के शव को टुकड़ों में बांटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। आरोपी को उसकी प्रेमिका के साथ गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान रामनगर जिले के कुदुर निवासी टी सिद्दलिंगप्पा के रूप में जबकि उसकी प्रेमिका की पहचान चंद्रकला के रूप में हुई है। चंद्रकला ने तीनों हत्याओं में आरोपी की मदद की थी।
पुलिस की ओर से बताया गया कि बेंगलुरु और मैसूर में तीन महिलाओं की हत्या की गई थी। तीनों महिलाएं कथित तौर पर सेक्स वर्क में शामिल थीं। आरोपी ने पांच और महिलाओं की हत्या का प्लान बनाया था। गुरुवार को वह एक महिला की हत्या की तैयारी कर रहा था।
8 जून को मिले थे महिलाओं की लाश के टुकड़े
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच तब शुरू हुई जब पुलिस को 8 जून को मांड्या में नहर के पास दो महिलाओं के शरीर के कटे हुए अंग मिले। एक शव के बेट्टनहल्ली के पास बेबी लेक नहर में और दूसरा अरकेरे गांव के पास सीडीएस नहर में मिला था। हालांकि शव एक-दूसरे से 25 किमी दूर पाए गए थे, लेकिन उनके बीच एक समान संबंध था कि दोनों शवों के केवल निचले हिस्से ही बरामद किए गए थे।
मैसूरु के दक्षिणी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) प्रवीण मधुकर पवार ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके कुछ साल पहले सेक्स वर्कर के तौर पर काम करने वाली चंद्रकला से उसकी जान पहचान हुई। सिद्दलिंगप्पा और चंद्रकला जैसे-जैसे करीब आते गए, चंद्रकला ने वेश्यावृत्ति में उतरने की अपनी आपबीती सुनाई। इस दौरान चंद्रकला ने आरोपी को उन महिलाओं के बारे में जानकारी दी जिन्होंने उसे सेक्स वर्क में उतरने के लिए मजबूर किया था। आरोपी ने इसके बाद उन सभी महिलाओं की हत्या का प्लान बनाया।
मई में बेंगलुरु में की थी पहली महिला की हत्या
आईजीपी पवार ने बताया कि शुरू में हम एक हत्या की जांच कर रहे थे, लेकिन आरोपी ने हमें बताया कि उसने मांड्या में मिले दूसरे शव को ठिकाने लगा दिया था। उसने हमें यह भी बताया कि कुछ महीने पहले उसने बेंगलुरु में एक और महिला की हत्या कर दी थी और वह पांच अन्य लोगों की भी हत्या करने की योजना बना रहा था। उसने मई में बेंगलुरू में पहली महिला की हत्या की थी। शव को आधा काटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। फिर 30 मई और 3 जून को मैसूर में चंद्रकला की मदद से अन्य दो महिलाओं की हत्या कर दी।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि चंद्रकला की मदद से उसने मैसुरू में एक घर किराए पर लिया। फिर चंद्रकला ने अलग-अलग दिनों में अपनी परिचित दोनों महिलाओं को घर पर आमंत्रित किया। इसके बाद गला घोंटकर महिलाओं की हत्या कर दी गई। फिर शवों के टुकड़े करने के बाद आरोपी और चंद्रकला बाइक से मांड्या गए और महिलाओं के शवों के टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। आईजी ने कहा कि जैसा कि केवल शरीर के निचले हिस्से पाए गए थे, हम पीड़ितों की पहचान करने में सक्षम नहीं थे। हमने तब मामले को एक अलग एंगल से देखने का फैसला किया।
नौ टीमों में 45 अधिकारियों को शमिल कर किया खुलासा
आईजीपी पवार ने बताया कि हत्या के खुलासे के लिए नौ टीमों का गठन किया गया। इन नौ टीमों में करीब 45 अधिकारियों को शामिल किया गया। सभी टीमों को राज्य भर में दर्ज 25-35 आयु वर्ग की महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट देखने का काम सौंपा गया था। टीम ने कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों में महिलाओं के लापता होने के 1,116 मामलों की पुष्टि की।
पवार ने कहा कि हमें सफलता मिलने में दो महीने से अधिक समय लगा। चामराजनगर से लापता हुई एक महिला का विवरण पीड़ितों में से एक के साथ मेल खाता था। एक सब-इंस्पेक्टर ने लापता व्यक्ति के घर का दौरा किया, जहां उसके परिवार ने उसकी कुछ पुरानी तस्वीरें उपलब्ध कराईं। अधिकारी ने पाया कि फोटो में कपड़ों का रंग और पैटर्न और जो अपराध स्थल पर पाया गया था, वे समान थे।
मोबाइल ट्रैक कर आरोपी तक पहुंची पुलिस
महिला के मोबाइल फोन को ट्रैक करने पर पुलिस ने महसूस किया कि डिवाइस को मैसूर से मांड्या ले जाया गया था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “हमने उसके कॉल रिकॉर्ड डेटा की जांच की, जिससे हमें सिद्दलिंगप्पा सहित संदिग्धों की एक सूची मिली।” सिद्धलिंगप्पा को गुरुवार को बेंगलुरु में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। जब टीम ने सिद्धलिंगप्पा को गिरफ्तार किया तो वह चंद्रकला के साथ तीसरी हत्या की तैयारी कर रहा था।
पवार ने बताया कि आरोपी सीरियल किलर है और हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हम पांच अन्य महिलाओं की हत्याओं को रोक सके। अब हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती शरीर के अन्य अंगों को बरामद करना है, जिन्हें आरोपी ने अपनी प्रेमिका के साथ दो महीने पहले अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था।