---विज्ञापन---

देश

कौन थे सत्यपाल मलिक? जिन्होंने आज दुनिया को कहा अलविदा, राजनीति में कैसे हुई थी एंट्री

Satyapal Malik Death: सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। दिल्ली के RML अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। छात्र जीवन में ही उन्होंने राजनीति जॉइन कर ली थी। उनका राजनीतिक करियर करीब 57 साल का रहा, जिसमें वे विधायक, सांसद और गवर्नर रहे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 5, 2025 14:45
Satyapal Malik | Former Jammu Kashmir Governor | RML Hospital Delhi
सत्यपाल मलिक छात्र जीवन में ही राजनीति में आ गए थे।

Satyapal Malik Profile: जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। 79 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के डॉ राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में आखिरी सांस ली। सत्यपाल मलिक मई 2025 से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।, जहां आज 5 अगस्त को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। बता दें कि सत्यपाल मलिक के कार्यकाल में ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था और आज 5 अगस्त 2025 के ही दिन सत्यपाल मलिक का निधन हुआ।

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, लंबे समय से थे बीमार, दिल्ली के RML अस्पताल में ली अंतिम सांस

---विज्ञापन---

परिवार में कौन-कौन?

सत्यपाल मलिक 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसावड़ा गांव में एक जाट परिवार में जन्मे थे। उन्होंने मेरठ कॉलेज से साइंस में BSc की। ग्रेजुएशन के बाद LLB की डिग्री ली। सत्यपाल के पिता का नाम बुध सिंह था। सत्यपाल मलिक जब डेढ़ साल के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था। सत्यपाल मलिक की पत्नी का नाम इकबाल मलिक और वे टीचर एवं पर्यावरणविद् हैं। सत्यपाल मलिक के बेटे देव कबीर मशहूर ग्राफिक डिजाइनर हैं, जिन्होंने बीयर ब्रांड Bira का लोगो डिजाइन किया है।

यह भी पढ़ें: Satya Pal Malik Death: किस बीमारी से हुई सत्यपाल मलिक की मौत, पहले हुआ UTI फिर बिगड़ी किडनी

---विज्ञापन---

कब आए थे राजनीति में?

सत्यपाल मलिक करीब 57 साल से राजनीति में थे। उन्होंने अपने राजनीति करियर में एक बार लोकसभा चुनाव और एक बार विधानसभा चुनाव जीता था। सत्यपाल मलिक वर्ष 1968 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे। इस तरह छात्र जीवन में ही उन्होंने राजनीति में एंट्री कर ली थी, लेकिन उनका औपचारिक सियासी सफर वर्ष 1974 में शुरू हुआ। उन्होंने चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल जॉइन की थी, जो बाद में राष्ट्रीय लोकदल कहलाई।

भारतीय क्रांति दल की टिकट पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के बागपत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। 1980 वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा राष्ट्रीय लोकदल के सांसद रहे। 1984 में सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रीय लोकदल छोड़कर कांग्रेस जॉइन की। 1986 में वे राज्यसभा में कांग्रेस सांसद बने। 1987 में बोफोर्स घोटाले में नाम आने पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। 1988 में उन्होंने वीपी सिंह के जनता दल को जॉइन कर लिया।

यह भी पढ़ें: सत्यपाल मलिक लिख रहे थे ‘द ट्रुथ’ नाम की किताब, किस डर से छुपा दिए इससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स

जीवन में एक बार मंत्री भी बने थे

1989 में उन्होंने जनता दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने। 1991 तक वे लोकसभा सांसद रहे और वीपी सिंह सरकार में संसदीय मामलों के और पर्यटन राज्य मंत्री भी बने। 1996 में सत्यपाल मलिक ने अलीगढ़ से ही समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए। साल 2004 में उन्होंने BJP जॉइन कर ली और बागपत से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

2012 में BJP ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया। 30 सितंबर 2017 को सत्यपाल मलिक बिहार के राज्यपाल बने और 21 अगस्त 2018 तक पद पर रहे। 23 अगस्त 2018 को उन्हें जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया और 30 अक्टूबर 2019 तक वे पद पर रहे। मार्च-मई 2018 में उन्हें ओडिशा के गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था। 2019 से 2020 तक वे गोवा के राज्यपाल रहे। 2020 से अक्टूबर 2022 तक तक मेघालय के राज्यपाल रहे।

यह भी पढ़ें: ‘पीएम मोदी ने चुप रहने के लिए कहा और…’, पुलवामा हमले के बाद सत्यपाल मलिक ने सरकार पर लगाए थे ये बड़े आरोप

सत्यपाल मलिक समाजवादी विचारधारा रखने वाले व्यक्ति थे। वे चौधरी चरण सिंह के करीबी थे। उनके समाजवादी और किसान-केंद्रित विचारों से प्रभावित थे। वे आजीवन जाट समुदाय के मुद्दों को महत्व देते रहे। इस तरह, छात्र राजनीति से लेकर गवर्नर बनने तक उन्होंने राजनीति अपनी खास जगह बनाई।

First published on: Aug 05, 2025 01:54 PM

संबंधित खबरें