नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों की चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने पार्टी के संगठन पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कांग्रेस से अपने लंबे जुड़ाव और इंदिरा गांधी के साथ अपने करीबी संबंधों को याद किया। आजाद के इस्तीफे के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इस पर अपनी राय रखी है। राजस्थान कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा, उनकी चिट्ठी और इस्तीफे की टाइमिंग बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि 50 साल में तमाम पदों पर रहने के बाद आज देश और कांग्रेस को उनकी जरूरत थी।
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गुलाम नबी आज़ाद जी के इस्तीफे की टाइमिंग दुर्भाग्यपूर्ण है।
---विज्ञापन---लगभग 50 साल तक युवा कांग्रेस, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों पर रहने के बाद आज संघर्ष का समय था।
चिट्ठी में लिखी उनकी बातें सच से परे हैं और वो जिम्मेदारी से पीछे हटे हैं : श्री @SachinPilot pic.twitter.com/uvkX3S0dr2
— Congress (@INCIndia) August 26, 2022
ये समय संघर्ष और सच्चाई का था
पायलट ने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी उन मुद्दों पर रैली कर रही है जिन्हें आजाद साहब सदन में उठाते रहे। ये समय संघर्ष और सच्चाई का था और भाजपा का सामना करने का था। ऐसे समय में पार्टी छोड़ देना गलत है। उस चिट्ठी में जो तमाम बातें लिखी गई हैं, वे सच्चाई से परे हैं। आज कांग्रेस को युवा और अनुभवी सभी लोगों की जरूरत है। एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में हमें एकजुट होना था। सत्ता में रहते वक्त हम बहुत पदों पर आसीन रहे, लेकिन अब वक्त इस बात का था कि हम भाजपा का मिलकर सामना करते बजाय इसके आजाद साहब ने पार्टी छोड़ी है। मैं समझता हूं कि वे अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटे हैं, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा के कुशासन के खिलाफ एकजुट होते रहेंगे।
Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5
— ANI (@ANI) August 26, 2022
आजाद ने चिट्ठी में क्या लिखा?
गुलाम नबी आजाद ने अपनी चिट्टी में कांग्रेस में उनके योगदान और पार्टी के लोगों पर कुछ आरोप लगाए हैं। आजाद ने लिखा, संपूर्ण संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक तमाशा और दिखावा है। देश में कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। 24 अकबर रोड पर बैठने वाली AICC मंडली ने अपने चुने हुए असहाय सिपहेसलारों को तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया है।
गुलाम नबी आजाद ने इशारों-इशारों में पार्टी हाईकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को भाजपा और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों के समक्ष समर्पण करना पड़ा। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले आठ वर्षों में नेतृत्व ने पार्टी के शीर्ष पर एक गैर-गंभीर व्यक्ति को थोपने की कोशिश की है।
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आजाद ने आगे कहा कि हम लोगों ने जिस विचार और पार्टी के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया, उसी कांग्रेस ने हमको अलग कर दिया है। इन सभी कारणों से कांग्रेस हार रही है। उसकी इच्छाशक्ति और क्षमता खत्म हो रही है। अब वो मंडली पूरी तरह से पार्टी पर हावी हो चुकी है और एआईसीसी को चला रही है। अब कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा की बजाय पूरे देश में कांग्रेस जोड़ो अभियान शुरू करना चाहिए। बेहद अफसोस और भारी मन से मैंने कांग्रेस से 50 साल पुराने संबंधों को तोड़ रहा हूं। इसके साथ ही मैं कांग्रेस के सभी पदों और उसकी प्रथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा रहा हूं।
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