Sabse Bada Sawal, 25 May 2023: नमस्कार मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में बात करने वाला हूं लोकतंत्र की। सत्ता पक्ष की, विपक्ष की। सत्ता पक्ष अगर मजबूत होता है तो क्या लोकतंत्र मजबूत होता है? क्या विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है? इसीलिए क्या लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष का कदमताल जरूरी हो जाता है। जब देशहित की बात हो तो क्या सबको साथ आना चाहिए। यही परिकल्पना भी थी कि हमारे फाउंडिंग फादर्स की। यह चर्चा क्यों?
दरअसल, 28 मई को संसद का उद्घाटन होना है। जमकर घमासान मचा हुआ है। 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। वजह राष्ट्रपति के जरिए संसद का उद्घाटन न होना है। लेकिन सत्ता पक्ष कह रहा है कि 140 करोड़ लोगों ने पीएम को चुना है, यदि वे उद्घाटन करते हैं तो दिक्कत क्या है?
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पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया से लौट आए हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एक इवेंट ऑस्ट्रेलिया में भी हुआ। वहां वर्तमान और पूर्व पीएम सभी थे। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने भारत को सम्मान दिया। उधर, विपक्ष कह रहा है कि बहुमत के आधार पर जो फैसले लेना चाहते हैं लेते रहते हैं।
अशोक गहलोत कह रहे हैं कि अभी भी देर नहीं हुई है। इस लड़ाई में जो गौर करने वाली बात है कि वह ये कि कांग्रेस समेत 20 पार्टियां एक तरफ, वहीं बीजेपी को अलग-थलग दिखाई पड़ रही थी उसे अब कई दलों से समर्थन मिल रहा है। तो आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि संसद पर घमासान…किसका सम्मान, किसका अपमान? मजबूत विपक्ष से बनेगा लोकतंत्र मजबूत? देखिए मौजूदा राजनीति पर सबसे बड़ी बहस
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