Sabse Bada Sawal, 22 May 2021: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं पहलवानों की। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों की। जंतर-मंतर पर धरने को एक महीना पूरा हो चुका है। खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल रहा है। नई संसद का 28 मई को उद्घाटन होगा। बात नार्को टेस्ट भी होगी। पर लड़ाई है इंसाफ भी। इसे कोई तलाश रहा है या रोज-रोज नए मुद्दे आ रहे हैं।
जब पहली बार 18 जनवरी को ये पहलवान धरने पर बैठे थे तो कमेटियां बनीं। लेकिन सच सामने नहीं आ सका। इस बार सुप्रीम कोर्ट का डंडा चला तो दो एफआईआर, जिसमें पाक्सो भी है, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पॉक्सो एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है। ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की कमान संभाल ली है, लेकिन बृजभूषण शरण अभी भी अध्यक्ष हैं। ऐसे ही मामले में एमजे अकबर से इस्तीफा ले लिया गया था। जहां ये धरना चल रहा है, वह मंत्रियों के निवास से 300-400 मीटर से ज्यादा नहीं है। लेकिन कोई इनके पास जाने की जहमत नहीं उठा रहा है।
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अब बात आ गई है नार्को टेस्ट पर है। इसकी शुरुआत बृजभूषण शरण सिंह ने खुद की। उन्होंने कहा कि मैं टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का भी हो। पहलवानों ने पलटवार किया। कहा कि उन सात महिलाओं का भी नार्को टेस्ट हो, जिनका यौन शोषण हो। पहलवान कुश्ती के दांव-पेंच के अलावा राजनीति के भी दांव-पेंच सीख गए हैं। उन्होंने कहा कि नार्को टेस्ट का लाइव प्रसारण होना चाहिए। लेकिन यहां अहम बात यह है कि नार्को टेस्ट कोर्ट में मजबूत एविडेंस नहीं है। महिला पहलवान उसी दिन धरना भी करने वाले हैं, जिस दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। तो आज का सबसे बड़ा सवाल है कि नार्को से होगा सच का सामना? पहलवानों के धरने का एक महीना…इंसाफ कब? देखिए बड़ी बहस
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