Sabse Bada Sawal, 20 May 2023: नमस्कार मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं देश की अर्थव्यवस्था की। अर्थव्यवस्था नोटों के दम पर चलती है। नोटबंदी की, कालेधन पर, कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक की, राजनीति की। साथ ही साथ आम आदमी की, उसकी परेशानियों की। कहीं न कहीं न जब ऐसे फैसले लिए जाते हैं तो उसे परेशानी झेलनी पड़ती है, उस पर कोई ध्यान ही नहीं देता है। साढ़े छह साल पहले पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए। त्राहिमाम मच गया था। 50 दिन तक लंबी-लंबी कतार लगी थीं। उस दौरान कहा गया कि कालाधन वापस होगा। देश को बड़ा फायदा होगा। नए नोट आएंगे। 99.3 फीसदी नोट वापस आ गए। देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
दो दिन पहले कहा गया कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत दो हजार रुपए के नोट वापस लिए जाएंगे। यहां बताना जरूर है कि ये लीगल टेंडर है। 23 मई से 30 सितंबर तक नोट वापस कर सकते हैं। एक बार में 20 हजार रुपए बदले जाएंगे। तो अचानक ये नौबत क्यों आई? सात साल पहले ही तो लेकर आए थे।
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बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि ये कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक है। पहले तो कोई कालाधन वापस नहीं आया। वे कहते हैं कि 100 डॉलर का नोट अमेरिका में सबसे बड़ा है। तो दो हजार का नोट क्यों लाया गया? एटीएम के खांचे भी बदले गए। उस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए।
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