Sabse Bada Sawal, 03 June 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करूंगा एक बार फिर देश की आन, बान, शान पहलवानों की। यौन शोषण के आरोपों की। कानून की, इंसाफ की और फिर कार्रवाई की भी। 23 अप्रैल को हमारे पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। 21 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया।
28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के डंडे के बाद दो केस दर्ज हुए। एक नाबालिग की शिकायत पॉक्सो लगाया गया। 37 दिन हो चुके हैं। लेकिन यहां कानून का पहिया विपरीत दिशा में घूमता दिख रहा है। सारे सवाल, सारे संदेह पीड़ितों पर दागे जा रहे हैं। आरोपी खुलेआम घूम रहा है।
एफआईआर सामने आ चुकी है। बृजभूषण पर इस केस में छेड़छाड़ के 15 आरोप हैं। 10 यौन उत्पीड़न के हैं और दो सेक्सुअल फेवर के हैं। लेकिन इन आरोपों को शक की निगाह से देखा जा रहा है। देखा भी जाना चाहिए। सत्य की जीत होनी ही चाहिए। मुख्य आरोपी रसूखदार है तो दबाव भी बनाया जा सकता है। पहलवानों को डराया, धमकाया जा सकता है। प्रलोभन भी दिया जा सकता है।
इस केस में चार गवाह सामने आए हैं। इनमें एक ओलंपिक पहलवान, एक कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट और एक रेफरी और एक कोच शामिल हैं। ये कह रहे हैं कि जो पहलवान कह रहे हैं वह सही है। इस केस में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। इसी पर आज चर्चा करने वाला हूं।
ऐसे में आज का सवाल यही है कि पहलवानों के पक्ष में गवाही…क्यों नहीं कार्रवाई?बृजभूषण की ‘शरण’ में कानून? देखिए संदीप चौधरी के साथ बड़ी बहस