Sabse Bada Sawal, 03 April 2023: नमस्कर। मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं भ्रष्टाचार की और रोजगार की। आप कहेंगे कि इसमें क्या कोई कनेक्शन है? थोड़ा मैं आपको समझाता हूं। दो बड़ी घटनाएं हुई। एक तो आज सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी का डायमंड जुबली समारोह था।
पीएम मोदी वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि विकास की राह में सबसे बड़ा विघ्न भ्रष्टाचार है, इस लड़ाई में जो आप कार्रवाई कर रहे हैं, जारी रखिए। डरिए मत। कोई कितना बड़ा क्यों न हो। उनसे डरने की जरूरत नहीं है। लोगों के मन में विश्वास है। कोई बड़ी घटना होती है, कहीं कोई संगीन जुर्म होता है तो लोग कहते हैं सीबीआई जांच हो। तो आप ब्रांड बन चुके हैं। अपनी कार्रवाई करते रहिए। जहां भ्रष्टाचार है, वहां युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते हैं। पीएम ने आने वाले 300 दिन के लिए आह्वान किया कि कार्रवाई जारी रखिए।
चुनाव के वक्त भ्रष्ट्राचार की मुहिम
ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन यहां दो-तीन सवाल और उठते हैं। क्योंकि अब 2024 चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। चुनाव की रणनीतियां बनाई जा रही हैं। प्लान ए, बी, सी, डी तैयार किए जा रहे हैं। तो क्या 9 साल सरकार चलाने के बाद अब पीएम को जरूरत महसूस हुई कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़नी चाहिए। या जो विपक्ष कह रहा है कि एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। वह सही है। सीबीआई 124 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उसमें 118 विपक्ष के नेता क्यों है?
क्या अब सीबीआई पाक साफ हो गई है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता हो गई है। सरकार जो कहती है वही आवाज निकालती है। क्या अब सीबीआई इंसाफ का प्रतीक बन गई है? विपक्ष कह रहा है कि बीजेपी के खेमे में आ जाएं सारे केस खत्म हो जाते हैं। वहीं, पीएम कह रहे हैं कि सब भ्रष्टाचारी एक साथ आ गए हैं। तो क्या भ्रष्टाचार की लड़ाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है? इसी में अडानी मामला भी जुड़ जाता है। विपक्ष कह रहा है कि अडानी मामले पर सीबीआई, ईडी की कार्रवाई कहां चली जाती है। सरकार कह रही है कि सुप्रीम कोर्ट छह सदस्यीय समिति बना चुकी है। रिपोर्ट आने दीजिए। इंतजार कीजिए। मगर यहां जो पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार युवाओं को उचित अवसर मिलने में रोड़ा है। बात रोजगार से जुड़ जाती है।
बढ़ रही बेरोजगारी की दर
रोजगार के ताजा आंकड़े आ गए हैं। मार्च के महीने में बेरोजगारी की दर फिर से बढ़ गई है। शहरी क्षेत्र में 8.4 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 7.5 फीसदी बेरोजगारी दर हो गई है। क्या बेरोजगारी बड़े रोड़े की तरह बनी हुई है। इसमें कुछ राज्यों का आंकड़ा है, उसने भी जानना चाहिए। हरियाणा कहने को विकसित राज्य है, यहां 26.8 फीसदी, राजस्थान में 26.4 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 23.1 फीसदी, सिक्किम 20.7, झारखंड में 17.5 फीसदी, बिहार में 17 फीसदी से ऊपर, छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर साढ़े 17 से ऊपर है।
बीजेपी 2014 से पहले ताल ठोंकी थी कि दो करोड़ रोजगार हर साल दिए जाएंगे तो अब तक 18 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था। आलम यह है कि 40 लाख पद केंद्र के पास हैं, उसमें से 9 लाख 79 हजार पद खाली पड़े हैं। पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि 10 लाख पदों को भरे जाएंगे। वे इसी खाली पदों को भरने की बात कह रहे थे।
कुल 60 लाख 45 हजार पद खाली
केंद्र और राज्यों की नौकरियों को मिलाकर 60 लाख 45 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। 18 साल से ऊपर युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा साधन मनरेगा भी है। उसमें साल में 100 दिन काम मिलता है। दो साल पहले इसका बजट 98 हजार करोड़ था, पिछले साल इसे 73 हजार करोड़ और अब 60 हजार करोड़ कर दिया गया है। मनरेगा का मद कम किया जा रहा है। पांच साल के सबसे निचले स्तर पर रोजगार का आंकड़ा आ गया है। 2021-22 में 50 दिन काम मिला एक परिवार और 2020-21 में 52 दिन मिलता था, वो घटकर 42 दिन रह गया है। 9 राज्य पिछले सितंबर में बोल चुके हैं उनका पैसा खत्म हो गया है।
जब देश के युवा को एक रोजगार नहीं मिलेगा तो देश विकास की राह पर सरपट कैसे दौड़ पाएगा। पीएम जब भ्रष्टाचार की बात करते हैं तो रोजगार के मामले में जो गड़बड़झाला हो रहा है, वह भी दायरे में आएंगे। क्या एकतरफा कार्रवाई से भ्रष्टाचार मिटाया जाएगा? या निष्पक्ष जांच होगी? तो आज का सबसे बड़ा सवाल है कि भ्रष्टाचार कर रहा देश का बंटाधार, बिना रोजगार…देश का होगा उद्धार?