Sabse Bada Sawal, 02 June: नमस्कार, मैं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में बात करूंगा कानून की, और इंसाफ की। एक पुरानी कहावत है कि कानून के घर में देर है, अंधेर नहीं है। लेकिन कई बार ये अंधा और बहरा भी हो जाता है। पहलवानों की तहरीर पर 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ केस दर्ज हो गया था। 36 दिन हो चुके हैं। लेकिन लगता है कि पहलवानों और न्याय की 36 का आंकड़ा है।
बृजभूषण पर आरोप यौन शोषण के हैं। गंभीर हैं। 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर पहलवान धरने बैठे थे। वहां से भी उन्हें भगा दिया गया। अब उन्हें मंथरा कहा जा रहा है। उल्टे उनसे ही सवाल हो रहा है। पहलवानों का सब्र टूट गया। उन्होंने कहा कि गोली मार दो, इन मेडल्स को जीतने का क्या फायदा है। तो आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि ये अंधा कानून है? दिल्ली पुलिस की शरण में बृजभूषण शरण सिंह? देखिए संदीप चौधरी के साथ पहलवानों के प्रदर्शन पर बड़ी बहस
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