जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने जम्मू कश्मीर समेत देश के मुस्लिमों से अपील की कि जो लोग आतंकवादी हैं, जो देश के दुश्मन हैं, उनके जनाजे में किसी भी मुस्लिम को शामिल नहीं होना चाहिए। उन्हें कब्र भी नसीब नहीं होनी चाहिए।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान, आतंकियों और उनके समर्थकों को करारा मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। तुम कितने भी नरसंहार करो, हम कीमत देंगे, लेकिन कश्मीर नहीं छोड़ेंगे। अब लोग कह रहे हैं कि पीओके तो ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के अंदर भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है।
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#WATCH | Jammu: On #PahalgamTerroristAttack, RSS leader Indresh Kumar says, “This is shameful, disgusting and insulting. There is no limit to brutality. Therefore, no amount of condemnation is enough, and those who are directly or indirectly involved in this should be taught a… pic.twitter.com/KI0e5WQ2Ex
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 29, 2025
पाकिस्तान-चीन ने कश्मीरियों को लड़वाया : इंद्रेश कुमार
उन्होंने आगे कहा कि चीन और पाकिस्तान ने ट्रेनिंग दी, हथियार दिए, कश्मीरियों को आपस में लड़वाया, मरवाया। कश्मीर को बर्बाद किया और कश्मीरियत को बदनाम किया। इंद्रेश कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में उन निर्दोष हिंदुओं ने क्या किया? जो कत्ल हो रहे, ईसाइयों, बौद्धों को उजड़ा जा रहा है, रेप हुआ। क्या फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, लालू यादव, अरविंद केजरीवाल को बांग्लादेश नहीं जाना चाहिए।
#WATCH | Jammu: On Congress’s ‘Gayab’ post targeting PM Modi, RSS leader Indresh Kumar says, “Congress leaders can digest their food only when they abuse the Prime Minister. If the army is going to fight, they will oppose the army commander. They will not do any good work in the… pic.twitter.com/6kK6SRNqcT
— ANI (@ANI) April 29, 2025
सबक सिखाया जाना चाहिए : RSS नेता
RSS नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह शर्मनाक, घिनौना और अपमानजनक है। क्रूरता की कोई सीमा नहीं है। इसलिए इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है और जो लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल हैं, उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में आवाज उठनी चाहिए कि हम पहले हिंदुस्तानी हैं, फिर हम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी हैं।
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