RSS Chief Mohan Bhagwat: बेंगलुरु में संघ की यात्रा के 100 वर्ष पर कार्यक्रम में बोलते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कांग्रेस को उस टिप्पणी के लिए जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि RSS एक पंजीकृत संगठन नहीं है. उन्होंने कहा कि संगठन को “व्यक्तियों के समूह” के रूप में मान्यता प्राप्त है. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में कहा था कि RSS पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. उनके बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
हम एक मान्यता प्राप्त संगठन
प्रियांक खड़गे ने RSS की पंजीकरण संख्या और उसके वित्तपोषण के स्रोतों पर भी सवाल उठाए. वहीं रविवार को बेंगलुरु में संघ की यात्रा के 100 वर्ष पर आयोजित नए क्षितिज कार्यक्रम में बोलते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि “आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के साथ पंजीकृत होंगे?” इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आजादी के बाद पंजीकरण अनिवार्य नहीं किया है. व्यक्तियों के एक समूह को भी कानूनी दर्जा दिया जाता है. कहा कि “हमें व्यक्तियों के एक समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और हम एक मान्यता प्राप्त संगठन हैं.”
संगठन को दी गई है आयकर से छूट
इसके अलावा आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आयकर विभाग और अदालत ने हमें व्यक्तियों के एक समूह के रूप में मान्यता दी है और संगठन को आयकर से छूट दी गई है. बताया कि संगठन पर तीन बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है. कांग्रेस से सवाल करते हुए भागवत ने कहा कि ‘अगर आरएसएस नहीं था, तो उन्होंने किस पर प्रतिबंध लगाया?’ मोहन भागवत ने कहा कि कई चीजें पंजीकृत नहीं हैं. ‘यहां तक कि हिंदू धर्म भी पंजीकृत नहीं है.’ इसके अलावा उन्होंने उन दावों पर भी टिप्पणी की कि आरएसएस केवल भगवा ध्वज का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि हालांकि संगठन के भीतर भगवा को गुरु माना जाता है, लेकिन वह भारतीय तिरंगे का भी बहुत सम्मान करता है.
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