बिहार चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित पोस्ट करने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। महाराष्ट्र में तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई, इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी एक केस दर्ज किया गया है। जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि “FIR से डरता कौन है?” वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि “अपने पिता पर कुछ क्यों नहीं बोलते?”
तेजस्वी यादव ने कहा कि “FIR से कौन डरता है? ‘जुमला’ शब्द कहना भी अपराध हो गया है। वे सच बोलने से घबराते हैं। हम किसी FIR से नहीं डरते और हम सच बोलते हैं।” तेजस्वी यादव ने कहा कि “सच सुनने और बोले जाने से ये लोग (बीजेपी के लोग) घबराते हैं।”
कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि “भले ही एक हजार FIR दर्ज हो जाएं, इससे क्या फर्क पड़ता है? यह यात्रा भाजपा के विचारों से आजादी पाने के लिए है। हम अपना लक्ष्य हासिल करेंगे। हम वोट चोरी नहीं होने देंगे।”
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि “तेजस्वी यादव FIR की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। वे विपक्ष के नेता हैं, सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे हैं, इसलिए भाजपा के लोग उन्हें FIR से डरा रहे हैं। तेजस्वी यादव की आवाज, जनता की आवाज को सरकार FIR से नहीं दबा सकती। जनसैलाब तेजस्वी यादव के साथ है।”
RJD नेता संजय यादव ने कहा कि “तेजस्वी यादव ने किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया? हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किसने किया? हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किसने किया? बिहार को विशेष पैकेज और विशेष दर्जा देने का वादा किसने किया? बिहार के विकास का वादा किसने किया? अगर उन्हें बिहार से किए गए उनके वादों की याद दिलाते हुए FIR करनी है, तो देश के हर जिले में FIR दर्ज करनी चाहिए। सिर्फ एक विधायक द्वारा FIR क्यों दर्ज की गई?”
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि “सार्वजनिक जीवन में मर्यादित भाषा का प्रयोग करना और मर्यादित टिप्पणी करना न्यूनतम आवश्यकता है, लेकिन उनकी विचारधारा ही ऐसी है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास हुआ है। प्रधानमंत्री भी देख रहे हैं कि बिहार में अब क्षमता है, अब बिहार बहुत बेहतर कर सकता है, इसलिए वह बिहार को वित्तीय सहायता भी दे रहे हैं।”
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भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “राजनीति की अपनी सीमा होती है। तेजस्वी और राहुल दो ऐसे व्यक्ति हैं जो मानते हैं कि प्रधानमंत्री की आलोचना करने से उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। देश की जनता प्रधानमंत्री का सम्मान करती है। वह अपने पिता के बारे में बात क्यों नहीं करते, जिन्होंने उचित सबूतों के साथ तीन मामलों का सामना किया और जेल गए? बेहतर होगा कि वह अपने पिता के बारे में जानकारी साझा करें। दूसरों पर इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है।”