1963 Republic Day Parade Story: देश 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस मौके पर बात करते हैं 1963 में गणतंत्र दिवस पर हुई परेड की, जो फीकी रही थी। जिसे देखकर किसी को मजा नहीं आया, जबकि इस परेड में उस समय के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के साथ RSS के वॉलंटियर्स ने भी मार्च पास्ट किया था, क्योंकि उस समय तीनों सेनाएं चीन के साथ चल रहे 1962 के युद्ध में व्यस्त थीं। बाल वीर पुरस्कार भी वितरित नहीं किए गए थे, जबकि इन पुरस्कारों को 1959 में ही शुरू किया गया था। परेड देखने लोग भी नहीं आए थे, इसलिए फीकापन नजर आया।
RSS on republic day celebration 1963 pic.twitter.com/jVFhnD0HBg
— Unni (@unni99860) December 24, 2023
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पंडित नेहरु ने बुलाए थे RSS के स्वयंसेवक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों को पंडित जवाहर लाल नेहरु ने खुद परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। RSS के एक वॉलंटियर द्वारा लिखी गई किताब RSS 360 में भी यह दावा किया गया।
इस किताब में दावा किया गया कि पंडित नेहरु ने भारत-चीन युद्ध (India-China War) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका की सराहना की थी। इसी भूमिका का सम्मान करते हुए उन्होंने उन्हें परेड में बुलाया था, जबकि एक दावा यह भी किया जाता रहा कि युद्ध में व्यस्त होने के कारण तीनों सेनाएं परेड में नहीं आ पाई थीं।
Impressed by the Patriotic services of RSS cadres in 1962 War efforts, #Nehru permitted the uniformed cadre of swayamsevaks to march on Rajpath during 1963 Republic Day parade.
At fag end Nehru could see what Nehruvian followers, time and again, fail to realise. pic.twitter.com/H4FKcqtynn
— Crystal Clear (@Crystal_x_Clear) December 5, 2023
1963 में नहीं होनी थी कोई परेड
भारत चीन युद्ध खत्म होने के बाद भी तीनों सेनाओं के जवान सीमाओं पर तैनात थे। इसे देखते हुए 1962 के आखिरी में रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड नहीं कराने का फैसला लिया, लेकिन पंडित नेहरु ने इसका विरोध किया। उन्होंने 10 दिसंबर 1962 को उस समय के रक्षामंत्री वाईबी चव्हान को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड कराने की अपील की। लेटर में उन्होंने लिखा कि बेशक अनावश्यक खर्च से बचने की कोशिश है।
बेशक देशभर में तैनात सेना के जवानों के इस तरह अचानक दिल्ली नहीं बुलाया जा सकता, लेकिन परेड क्यों नहीं होनी चाहिए? इसमें दिल्ली में मौजूद सेना के जवान हिस्सा ले सकते हैं। लोग हिस्सा ले सकते हैं। होमगार्ड, NSS-NCC कैडेट, स्कूल-कॉले स्टूडेंट शामिल हो सकते हैं। ट्रेड यूनियनें, NGO और अन्य संगठन मार्च पास्ट कर सकते हैं। सरकार और मंत्री हिस्सा ले सकते हैं। मैं खुद परेड में शामिल हो सकता हूं।