RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat : आरएसएस चीफ मोहन भागवत द्वारा नए मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए बयान की खूब चर्चा हो रही है। मोहन भागवत के बयान पर देश के साधु संत प्रतिकियाएं दे रहे हैं। अब देश में प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर असहमति जताई है।
क्या बोले थे मोहन भागवत?
देश के आग-अलग जगहों से सामने आ रहे मंदिर-मस्जिद के नए विवाद का RSS चीफ मोहन भागवत ने विरोध किया था। पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हर दिन नए-नए मुद्दे उठाए जा रहे हैं, और यह स्वीकार्य नहीं है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोग नई जगहों पर इसी तरह के विवाद उठाकर हिंदू समुदाय के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं।
रामभद्राचार्य महाराज ने दिया ये जवाब
मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह के विवादों को रोकने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह रणनीति देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है। रामभद्राचार्य महाराज ने अब मोहन भागवत के बयान पर कहा है कि मैं उनके बयान से बिलकुल सहमत नहीं हूं। रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि मोहन भागवत मेरे अनुशासक रहे हैं और हम उनके अनुशासक हैं।
Mumbai, Maharashtra: On RSS chief Mohan Bhagwat statement, Jagadguru Rambhadracharya says, “I completely disagree with the speech of Mohan Bhagwat. I do not agree at all…” pic.twitter.com/m9twO5bbip
---विज्ञापन---— IANS (@ians_india) December 22, 2024
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी जताई नाराजगी!
मोहन भागवत के बयान पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नाराजगी जताई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे। अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अतीत में हिंदू समाज के साथ बहुत अत्याचार हुआ है और हिंदुओं के धर्मस्थलों को तहस नहस किया गया है। अगर अब हिंदू समाज अपने मंदिरों का पुनरूद्धार कर उन्हें फिर संरक्षित करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है?