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खूबसूरत आंखें, लंबी-लंबी भुजाएं, चमकदार ललाट…Arun Yogiraj ने बताई रामलला की मूर्ति की खूबियां

Ram Mandir Ramlala Idol Features: रामलला की प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज ने मूर्ति की खूबियां बताते हुए अपनी खुशी व्यक्त की है। उनकी मां और पत्नी ने भी पति की मेहनत पर गर्व करते हुए अपनी भावनाएं जाहिर कीं।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 16, 2024 16:30
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Arun Yogiraj With Ram Mandir Lord Ramlala Statue
राम मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की प्रतिमा के साथ मूर्तिकार अरुण योगीराज

Arun Yogiraj Explained Ramlala Idol Features: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को गर्भगृह में रामलला की जो प्रतिमा स्थापित होगी, वह मैसूर (कर्नाटक) के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। वे परिवार के साथ अयोध्या पहुंच गए हैं। यहां उनका परिवार पत्रकारों से रूबरू हुआ।

अरुण योगीराज भी पत्रकारों से मिले और उन्होंने रामलला की मूर्ति के बारे में बताया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी अरुण योगीराज की मेहनत की तारीफ की और कहा कि अरुण 6 महीने से परिवार से नहीं मिला, यह श्रीराम की अनन्य भक्ति का उदाहरण है।

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रामलला की प्रतिमा की खूबियां

अरुण योगीराज ने बताया कि रामलला की प्रतिमा श्याम शिला से बनी है। यह पत्थर जलरोधी होता है और हजारों साल तक वैसा रह सकता है, जैसा वह अभी है। दूध, पानी, चंदन, रोली लगाने से भी पत्थर की चमक खराब नहीं होगी। राम मूर्ति में लंबी-लंबी घुटनों तक की भुजाएं हैं। पैरों से ललाट तक मूर्ति की हाइट 4 फीट 3 इंच है (51 इंच) है।

150 से 200 किलो (डेढ़ टन) राम मूर्ति का वजन है। बड़ी-बड़ी आंखें, सुंदर मस्तक, चमकदार ललाट, सिर पर मुकुट, आभामंडल, कमल फूल पर खड़ी मुद्रा, हाथ में तीर और धनुष, 5 साल के बच्चे जैसी चंचलता देखकर रामलला पर प्यार आएगा। राम मूर्ति की रामनवमी को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

राम मंदिर का गर्भगृह भी ऐसे बना है कि सूर्य की किरणें रोज सीधे रामलला पर पड़ेंगी। वहीं रामनवमी के दिन जब सूर्य भगवान की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी तो वह स्वर्णिम का दमक उठेगा।

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ऐसे रंग लाई अरुण योगीराज की मेहनत

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अरुण योगीराज की तारीफ करते हुए बताया कि अरुण 6 महीने से घर नहीं गया। फोन को हाथ तक नहीं लगाया। हालांकि सुख-दुख की खबर मिलती रही, लेकिन मां-पत्नी और बच्चों को नहीं देखा। वहीं अरुण योगीराज की मां बेटे की मेहनत रामलला की प्रतिमा देखकर भावुक हो गईं।

उन्होंने कहा कि बेटे की मेहनत देखने के लिए उसके पिता नहीं हैं, लेकिन उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा होगा। अरुण योगीराज की पत्नी ने अपनी खुशी बयां करते हुए कहा कि मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि मेरे पति को भगवान ने अपनी सेवा करने मौका दिया। यह बहुत सम्माननीय और खास बात है।

वहीं अरुण योगीराज ने कहा कि वे अपनी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकते।

 

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 16, 2024 11:21 AM

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