Ram Katha Sita Parda: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के मजलता तहसील के खून गांव के नजदीक इन दिनों ग्रामीणों और आसपास के लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। गांव वालों की आस्था के अनुसार, भगवान राम ने भ्रमण के दौरान कुछ दिन यहां बिताए थे। यहां पर एक दरिया बहता है। ऐसी मान्यता है कि जब भगवान राम यहां पहुंचे तो माता सीता को स्नान करना था। तब भगवान राम ने यहां पर बाण चलाया और एक पर्दा स्थापित किया। यह पर्दा आज भी इस जगह पर मौजूद है, जो पहाड़नुमा है। आसपास के गांव वाले भी यहां पर पहुंच रहे हैं, ताकि इसकी पूजा कर सकें। न केवल यह पर्दा, बल्कि यहां पर माता सीता की वह रसोई भी है, जहां वह भोजन पकाया करती थीं । यहां पर दिन-रात श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, पूजा कर रहे हैं और भगवान राम की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं।
प्रलय से है पर्दे का खास कनेक्शन
स्थानीय लोगों की आस्था के अनुसार, इस पहाड़नुमा पर्दे से अगर एक छोटा टुकड़ा भी नीचे गिरता है तो देश में प्रलय आती है। गांव वाले बहुत ज्यादा उत्साही नजर आ रहे हैं, क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है। यहां के गांव वाले भी अयोध्या जा रहे हैं। यहां पर न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं, ताकि उसे पर्दे को देख सकें, जो यहां के लोगों के अनुसार भगवान राम ने अपने बाण के जरिए स्थापित किया था।
दरिया में मिला रामसेतु का पत्थर
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ एक गांव है मकवाल। यहां के लोग बहुत ज्यादा उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। उन्हें रामसेतु का वह पत्थर मिला है, जो पुल के निर्माण में इस्तेमाल किया गया था। ग्रामीणों को यह पत्थर एक दरिया से मिला है। यह पत्थर दरिया में तैर रहा था। समूचे गांव वाले इस पत्थर की पूजा करते हैं।
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे ग्रामीण
गांव वालों ने सर्व सहमति से यह फैसला किया है कि वह 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे और प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होंगे। जो लोग घर पर रहेंगे, यानी गांव में रहेंगे, वह समूचे गांव में अपने घरों में मंदिर में दीपक जलाएंगे।
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