केंद्र सरकार द्वारा देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार शाम में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार के फैसले का स्वागत किया। AICC कार्यालय, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हमने संसद में कहा था कि जातिगत जनगणना करवाकर रहेंगे और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा यानी आर्टिफिशियल दीवार को भी खत्म करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि 11 साल बाद केंद्र सरकार ने अचानक जातिगत जनगणना की घोषणा की है। यह सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम है।
क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने संसद में पहले ही कहा था कि जाति जनगणना कराएंगे और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को खत्म करेंगे। अब जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है, तो हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि ये जनगणना कब कराई जाएगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम मोदी जी की इस बात से सहमत हैं कि देश में सिर्फ चार जातियां हैं (गरीब, मध्यम वर्ग, अमीर और बहुत अमीर), लेकिन इन चारों के भीतर भी कौन कहां खड़ा है, यह जानने के लिए जातिगत आंकड़े जरूरी हैं। जाति जनगणना पहला कदम है, लेकिन हमें इससे आगे भी बढ़ना होगा।’
‘कांग्रेस का विजन, सरकार ने अपनाया’
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का विजन है, जिसे सरकार ने अपनाया है। राहुल गांधी ने तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए जातीय सर्वे को जाति जनगणना के लिए मॉडल बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए ब्लू प्रिंट के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना एक मॉडल बना है, जो जाति जनगणना के लिए ब्लू प्रिंट बन सकता है। जातीय जनगणना को डिजाइन करने में हम सरकार की पूरी तरह मदद करेंगे, क्योंकि डिजाइन बहुत जरूरी है।’ उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार तेलंगाना सरकार की तरह तेज, पारदर्शी और समावेशी जाति सर्वे मॉडल अपनाए।
आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने की मांग
उन्होंने सरकार से इसकी समयसीमा पर स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि इसकी टाइमलाइन क्या है? कब और कैसे जातीय जनगणना लागू होगी?’ इसके साथ ही उन्होंने आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने की मांग की। राहुल ने जोर देकर कहा कि यह कदम समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व और अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण होगा। साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि सरकारी संस्थानों की तरह ही निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू होना चाहिए। सामाजिक न्याय केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि निजी क्षेत्र में भी समान अवसर सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
राहुल गांधी की 4 बड़ी मांगे
- केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसकी टाइमलाइन घोषित करे।
- तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह।
- 50% आरक्षण सीमा हटाने की वकालत।
- निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की मांग।
LIVE: Press Conference | AICC Office, New Delhi https://t.co/DwEZrmT1aC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 30, 2025