Pune Special Court Declare Teacher Arrest ‘Illegal’: महाराष्ट्र के पुणे की एक स्पेशल कोर्ट ने येरवडा सेंट्रल जेल में बंद 39 लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी टीचर की गिरफ्तारी को अवैध करार देते उसे रिहा कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि टीचर को उसकी गिरफ्तारी के बारे में ठीक से जानकारी नहीं दी गई। ये उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने आरोपी टीचर की गिरफ्तारी को पुलिस की प्रोसीजरल एरर्स की वजह से अवैध करार दिया।
सोमवार को इस मामले पर सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट ने 39 लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी टीचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया और येरवडा सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया। स्पेशल कोर्ट ने कहा कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने अनिवार्य गिरफ्तारी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
क्यों अवैध है टीचर की गिरफ्तारी?
स्पेशल जज (POCSO Act) कविता शिरभाटे ने अपने 4 पेज के आदेश में कहा कि पिछले साल 24 दिसंबर, 2024 को जब स्कूल टीचर (52) को 39 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी फॉर्म में बताया गया है कि टीचर के रिश्तेदार को इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जो ये साबित करे कि टीचर की गिरफ्तारी के बारे में उसके रिश्तेदारों को पूरी जानकारी दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने अनिवार्य प्रावधानों का पालन नहीं किया है, जिसकी वजह से ये गिरफ्तारी अवैध है। इतना ही नहीं, यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती और आवेदक को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
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जमानत बांड भरने का निर्देश
इसके साथ ही कोर्ट ने टीचर को रिहाई के 8 दिनों के अंदर 25,000 रुपये का जमानत बांड भरने का निर्देश दिया है। टीचर के वकील विपुल दुशिंग ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद उनके क्लाइंट को जेल से रिहा कर दिया गया है, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
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