PM Modi In Pune: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पुणे के दौरे पर हैं। पुणे एयरपोर्ट पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके बाद पीएम ने दगडूशेठ मंदिर में पूजा अर्चना की है। इसके बाद पीएम को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी थे।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं यह अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। इस अवार्ड के साथ जो धनराशि मुझे दी गई है, वो भी मैं गंगा जी को समर्पित कर रहा हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति और मान्यताएं पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया। इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल तिलक जी को लोकमान्यता दी, बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया। स्वयं महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा था।
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#WATCH | Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi gets conferred with Lokmanya Tilak National Award in Pune. pic.twitter.com/zBLwRerKa5
— ANI (@ANI) August 1, 2023
पीएम मोदी मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।
#WATCH | Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Shreemant Dagdusheth Halwai Mandir in Pune. pic.twitter.com/HKGXBWb8nd
— ANI (@ANI) August 1, 2023
उद्धव गुट ने सामना के जरिए साधा निशाना
शरद पवार के साथ पीएम मोदी के मंच साझा करने को लेकर उद्धव गुट ने मुख पत्र सामना के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है। संजय राउत ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी नेता शरद पवार के साथ मंच साझा करने के लिए क्यों तैयार हैं? एक महीने पहले पीएम ने शरद पवार पर भ्रष्ट होने और वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।इसके बाद एनसीपी नेता अजित पवार गुट बीजेपी के साथ चले गए। इस पर भाजपा को सफाई देनी चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में कहा गया कि खुद शरद पवार द्वारा प्रधानमंत्री को सम्मानित किया जाना और उन्हें पुरस्कार दिया जाना विवाद की जड़ है। एक तरफ, देश में आजादी की दूसरी लड़ाई चल रही है और यही कारण है कि लोग शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं से अलग व्यवहार की उम्मीद करते हैं। नेता पीएम के साथ मंच साझा करेंगे, जबकि राकांपा कार्यकर्ता उन्हें काले झंडे दिखाएंगे। यह एक जटिल स्थिति है।
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