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पूर्वोत्तर में बनेंगी चिप, बढ़ेगी ताकत, राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट में पीएम मोदी का बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली स्थित भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर भारत के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही निवेश की अपार संभावनाओं और बीते 11 सालों में आए कुछ नए परिवर्तन पर प्रकाश डाला।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : News24 हिंदी Updated: May 23, 2025 14:38
PM Narendra Modi
PM Narendra Modi

दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर भारत के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही निवेश की अपार संभावनाओं और बीते 11 सालों में आए कुछ नए परिवर्तन पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने समिट में उपस्थित देश-विदेश के निवेशकों और गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर अब केवल सीमांत क्षेत्र नहीं, बल्कि भारत की विकास यात्रा का अग्रदूत बन चुका है। उन्होंने कहा कि हाल ही में इसी स्थल पर आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक था और आज का आयोजन उस क्षेत्र में निवेश के उत्सव का परिचायक है।

पूर्वोत्तर की विविधता ही सबसे बड़ी शक्ति

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व का सबसे विविध देश है और उसमें भी पूर्वोत्तर सबसे विविधतापूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र व्यापार, परंपरा, वस्त्र, पर्यटन, जैविक अर्थव्यवस्था, बांस उद्योग, चाय उत्पादन, पेट्रोलियम, खेल और कौशल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं समेटे हुए है। मोदी ने इसे अष्टलक्ष्मी की अवधारणा का सजीव रूप बताया और कहा कि सभी राज्य अब नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

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EAST का मतलब है- Empower, Act, Strengthen, Transform

बता दें कि पूर्वोत्तर को ‘विकसित भारत’ की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण घटक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए EAST केवल एक दिशा नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है- Empower (सशक्तीकरण), Act (कार्रवाई), Strengthen (मजबूती) और Transform (परिवर्तन)।

बता दें कि प्रधानमंत्री ने बीते 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में हुए बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल आंकड़ों का विषय नहीं, बल्कि जमीन पर महसूस किया जा सकने वाला बदलाव है। उन्होंने बताया कि अब तक केंद्रीय मंत्रियों ने 700 से अधिक बार इस क्षेत्र का दौरा किया है, जिससे केंद्र और पूर्वोत्तर के लोगों के बीच भावनात्मक जुड़ाव बना है।

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अवसंरचना क्रांति और रणनीतिक कनेक्टिविटी

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में चल रही इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति का जिक्र करते हुए बताया कि हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं से क्षेत्र को सड़कों, रेलवे, एयरपोर्ट, जलमार्गों और डिजिटल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने सेला टनल, भूपेन हजारिका ब्रिज, 11,000 किलोमीटर नए हाईवे, ब्रह्मपुत्र-बराक जलमार्ग और 1,600 किलोमीटर लंबी नॉर्थईस्ट गैस ग्रिड जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया, म्यांमार, थाईलैंड ट्राइलेटरल हाईवे और कालादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को क्षेत्रीय व्यापार के लिए गेमचेंजर बताया। साथ ही उन्होंने गुवाहाटी, इंफाल और अगरतला को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किए जाने का उल्लेख किया।

शांति, जैविक खेती और स्टार्टअप क्रांति

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर एक समय में उग्रवाद और संघर्ष से जूझता था, लेकिन अब यह शांति और अवसरों का क्षेत्र बन रहा है। उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ शांति को अपनाया है। उन्होंने मुद्रा योजना के तहत युवाओं को दी गई वित्तीय सहायता 13,000 किमी से अधिक ऑप्टिकल फाइबर विस्तार और डिजिटल इनोवेशन में पूर्वोत्तर की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अब भारत का डिजिटल गेटवे बन चुका है।

उन्होंने यह भी बताया कि बीते 10 वर्षों में जैविक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। चाय, अनानास, संतरे, नींबू, हल्दी और अदरक जैसे उत्पाद वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कोल्ड स्टोरेज और ऑयल पाम मिशन जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

ऊर्जा और सेमीकंडक्टर में पूर्वोत्तर की भूमिका

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को ऊर्जा और सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए रणनीतिक केंद्र बताते हुए कहा कि यहां हाइड्रो और सोलर पावर में हजारों करोड़ के निवेश हो चुके हैं। असम में जल्द ही भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप लॉन्च की जाएगी।

समिट में प्रमुख हस्तियों की भागीदारी

समिट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल के पेमा खांडू, मेघालय के कॉनराड संगमा, मिजोरम के लालदुहोमा, नागालैंड के नेफियू रियो, सिक्किम के प्रेम सिंह तमांग और त्रिपुरा के माणिक साहा सहित अन्य वरिष्ठ नेता और निवेशक उपस्थित रहे।

समिट का उद्देश्य और प्राथमिक क्षेत्र

राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्देश्य पूर्वोत्तर को लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी के रूप में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है। इस दो दिवसीय समिट में पर्यटन, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, सूचना तकनीक, लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा और खेल व मनोरंजन को प्राथमिकता वाले निवेश क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।

First published on: May 23, 2025 02:38 PM

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