New Parliament inauguration: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रपति करें। बता दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को निर्धारित किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम से एक हफ्ते पहले राहुल गांधी की ये प्रतिक्रिया आई है।
18 मई को लोकसभा सचिवालय ने घोषणा की थी कि स्पीकर ओम बिरला ने इस सप्ताह पीएम मोदी से मुलाकात की है और उन्हें नए भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया है। इसकी जानकारी के बाद विपक्षी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज करानी शुरू कर दी। विपक्ष के नेताओं ने तर्क में कहा कि विधायिका के प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए, न कि सरकार के प्रमुख को।
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2023
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ओवैसी ने पूछा- लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा सभापति को क्यों नहीं चुना?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि इस अहम काम के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को क्यों नहीं चुना गया?
ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, “पीएम को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वे कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं। हमारे पास शक्तियों का पृथक्करण है और लोकसभा स्पीकर या फिर राज्यसभा के सभापति को उद्घाटन करना चाहिए था। यह जनता के पैसे से बनाया गया है, पीएम ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे हैं जैसे उनके ‘दोस्तों’ ने इसे अपने निजी फंड से प्रायोजित किया है?”
Why should PM inaugurate Parliament? He is head of the executive, not legislature. We have separation of powers & Hon’ble @loksabhaspeaker & RS Chair could have inaugurated. It’s made with public money, why is PM behaving like his “friends” have sponsored it from their private… https://t.co/XmnGfYFh6u
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 19, 2023
तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रे ने एक ट्वीट के जरिए सवाल उठाया कि उद्घाटन वीर सावरकर की जयंती के साथ मेल खाता है। रे ने कहा कि 26 नवंबर 2023 भारतीय संविधान अपने 75वें वर्ष में कदम रखेगा, जो कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए उपयुक्त होता। लेकिन यह 28 मई को किया जाएगा, जो सावरकर का जन्मदिन है, ये कितना प्रासंगिक है?
बता दें कि नए संसद भवन की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। इस नए भवन के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की स्थिति में कुल 1,280 सदस्यों के बैठने की क्षमता है।