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23 किलो सोना, 27 लाख की घड़ी; कौन थे ‘गोल्डन बाबा’? जो इस बार महाकुंभ में नहीं आएंगे नजर

Golden Baba Prayagraj Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल महाकुंभ का आयोजन होगा। देश के कई साधु-संत कुंभ मेले में नजर आएंगे। मगर यह पहला महाकुंभ होगा, जिसमें गोल्डन बाबा नजर नहीं आएंगे।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 7, 2024 11:15
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Golden Baba

Golden Baba Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ का आगाज होने वाला है। 13 जनवरी 2025 से संगम नगरी में महाकुंभ की शुरुआत होगी। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु महाकुंभ के मौके पर संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज का रुख करेंगे। वहीं महाकुंभ में कई साधु-संतों की भी एंट्री देखने को मिलेगी। मगर इस महाकुंभ में एक शख्स की मौजदूगी सभी को खलेगी और वो शख्स हैं ‘गोल्डन बाबा’।

महाकुंभ में ‘गोल्डन बाबा’ की एंट्री

हर साल कुंभ में लाइम लाइट बटोरने वाले गोल्डन बाबा इस बार के महाकुंभ में नजर नहीं आएंगे। इससे पहले उन्हें 2019 के महाकुंभ मेले में देखा गया था। कुंभ मेले में कई लोगों को गोल्डन बाबा की एंट्री का इंतजार रहता था। 23 किलो सोना और 27 लाख की घड़ी पहनकर जब गोल्डन बाबा कुंभ में आते थे, तो हर किसी की नजर उन्हें देखकर चकाचौंध हो उठती थी। साढ़े छह करोड़ के गहने पहनने वाले गोल्डन बाबा का विवादों से भी पुराना रिश्ता रहा है।

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कौन थे ‘गोल्डन बाबा’?

गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ था। राजधानी दिल्ली के रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़ का कपड़ों और लाइट्स का कारोबार था। मगर उन्होंने सबकुछ छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया। उन्होंने हरिद्वार में अपना आश्रम बनाया और हमेशा के लिए गोल्डन बाबा बन गए।

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‘गोल्डन बाबा’ क्यों पहनते थे सोना?

गोल्डन बाबा को बचपन से ही सोना पहनने का काफी शौक था। संन्यास लेने के बाद गोल्डन बाबा अनुदान पर ही जीवन जीते थे। मगर उनके भक्तों को अच्छी तरह से पता था कि वो सोने के काफी शौकीन हैं। इसलिए भक्त भी उन्हें चढ़ावे में सोना ही चढ़ाते थे। गोल्डन बाबा हर समय 23 किलो सोना पहनकर रखते थे। इसके अलावा उनके हाथ में रोलेक्स कंपनी की इंपोर्टेड घड़ी भी देखी जा सकती थी। इस डायमंड वॉच की कीमत 27 लाख रुपये थी।

‘गोल्डन बाबा’ से जुड़े विवाद

गोल्डन बाबा को जूना अखाड़े के सबसे बड़े संतों में गिना जाता था। लोग उन्हें महंत गोल्डन पुरी महाराज के नाम से भी जानते थे। हालांकि 2019 के महाकुंभ मेले में गोल्डन बाबा को जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। गोल्डन बाबा हर साल शिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा में भी भाग लेते थे। साथ ही महाकुंभ में कैंप आयोजित करते थे। मगर 2019 में उन्होंने पैसों की तंगी के कारण कैंप नहीं लगाया था। साढ़े छह करोड़ के गहनें पहनने वाले गोल्डन बाबा का कहना था कि कैंप लगाने में डेढ़ से दो करोड़ का खर्च आता है। मगर नोटबंदी और जीएसी के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है और वो चाहकर भी कैंप नहीं लगा सकते हैं।

‘गोल्डन बाबा’ का निधन

बता दें कि जूना अखाड़ा के महंत रहे गोल्डन बाबा की तबीयत 18 मई 2020 को अचानक बिगड़ गई थी। गोल्डन बाबा को दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था। 30 जून 2020 को उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 07, 2024 11:15 AM

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