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बलिदान पर राजनीति; सेना ने कहा- अग्निवीर गावते को एक सैनिक की तरह मिलेगी सम्मान निधि

Army said Agniveer Gavate Akshay Laxman get Samman Nidhi like Soldier: भारतीय सेना में ऑपरेटर के तौर पर तैनात अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान के मामले में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह को देखते हुए सेना ने स्पष्ट बयान जारी किया है।

Author Edited By : Shailendra Pandey Updated: Oct 23, 2023 13:50
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Army said Agniveer Gavate Akshay Laxman get Samman Nidhi like Soldier: भारतीय सेना में ऑपरेटर के तौर पर तैनात अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान के मामले में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह को देखते हुए सेना ने स्पष्ट बयान जारी किया है। भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है और मृतक के परिजनों को वित्तीय सहायता संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए, यह स्पष्ट करना जरूरी है कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियां सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती हैं।

राहुल गांधी ने भी फैलाया दुष्प्रचार

बता दें कि अग्निवीर गावटे के बलिदान के बाद सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और राजनीति शुरू हो गई थी। यहां तक कि इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुष्प्रचार किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए लिखा कि सियाचिन में अग्निवीर गवाते अक्षय लक्ष्मण की शहादत का समाचार बहुत दुखद है। उनके परिवार को मेरी गहरी संवेदनाएं। एक युवा देश के लिए शहीद हो गया, सेवा के समय न ग्रेच्युटी न अन्य सैन्य सुविधाएं, और शहादत में परिवार को पेंशन तक नहीं। अग्निवीर योजना, भारत के वीरों के अपमान की योजना है।

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सेना ने जारी किया बयान

अग्निवीर योजना कि जब से शुरुआत हुई है तब से इस पर राजनीति हो रही है। अब जवानों के बलिदान के बहाने भी राजनीति होनी शुरू हो गई है। इस पर सेना ने सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर कहा कि ड्यूटी के दौरान अपनी जान देने वाले अग्निवीर के निकटतम परिजन को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपए, मुआवजे के तहत 44 लाख रुपए, अग्निवीर के द्वारा योगदान की गई सेवा निधि का 30 प्रतिशत, सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज के साथ मिलेगा। इसके अतिरिक्त परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियों में मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भुगतान (₹13 लाख से अधिक) भी शामिल है। शेष कार्यकाल के अनुसार, और सशस्त्र बल युद्ध हताहत निधि से ₹ ​​8 लाख का योगदान दिया जाएगा।

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भारतीय सेना ने अधिकृत बयान जारी कर इस अफवाह पर स्थिति साफ कर दी है और यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सेना में भर्ती किसी भी रूप में हुई हो, बलिदान होने पर किसी में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

 

First published on: Oct 23, 2023 01:50 PM

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