इंटरनेशनल स्पेस सेंटर गए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की है। PMO की तरफ से सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने बातचीत की शुरुआत में कहा कि आप भारत से सबसे दूर हैं, लेकिन भारत के लोगों के सबसे करीब है। आपके नाम में शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ देशवासियों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामाएं देता हूं। सबसे पहले ये बताइए, वहां सब ठीक है? आपकी तबीयत ठीक है? इस पर शुभांशु ने कहा कि यहां सब ठीक है। मैं एकदम सुरक्षित हूं। यहां बहुत अच्छा लग रहा है और ये सब नया अनुभव है। मैं गर्व महसूस फील कर रहा हूं कि मैं यहां अपने देश का प्रतिनिधत्व कर रहा हूं।
गाजर और मूंगदाल का हलवा लेकर गए हैं शुभांशु
पीएम ने कहा कि वहां ग्रेविटी ना के बराबर है। भारत देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप गाजर का हलवा लेकर गए हैं। उसे अपने दोस्तों को खिलाया? इस पर शुभांशु ने कहा कि मैं गाजर और मूंग दाल का हलवा लेकर आया था और आमरस भी लाया था। मैंने अपने साथियों को खिलाना चाहता था, हम सभी ने उसे खाया और सभी पसंद आया है। हम सभी इंतजार कर रहे हैं कि हम नीचे आएंगे तो हम भारत आएंगे।
पीएम ने कहा कि आपको पृथ्वी माता की प्रक्रिया का सौभाग्य मिला है, इस समय कहां है आप? इस पर जवाब मिला कि मैं बाहर नहीं देख पा रहा लेकिन कुछ समय पहले हम हवाई के ऊपर थे। हम 16 बार पृथ्वी की प्रक्रिया करते हैं और 16 बार सुबह और शाम होती है। हम बहुत गति से चल रहे हैं।
‘भारत सच में भव्य दिखाई देता है’
पीएम मोदी ने पूछा कि पहला विचार क्या है? पहली बार ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पहला दृश्य धरती का क्या था? शुभांशु ने बताया कि पहला ख्याल आया कि धरती एक है। यहां से कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। पहली बार भारत को जब मैंने आंखों से देखा तो भारत सच में भव्य दिखाई देता है। हम मैप पर देखते हैं लेकिन ये मैप से अधिक भव्य है। अनेकता में एकता का महत्व यहां से देखने में समझ आता है। यहां कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता।
उन्होंने कहा कि एक साल तक ट्रेनिंग हुई है, लेकिन यहां आते ही सब बदल गया। ग्रेविटी में रहने की आदत थी तो छोटी-छोटी छीजें भी मुश्किल होती है। आपसे बात करते वक्त हमें अपने पैरों को बांध रखा है। एक दो दिन यहां ढलने में लगते हैं।
‘हमारा खुद का स्पेस स्टेशन होगा’
पीएम मोदी ने पूछा कि क्या वहां मैडिटेशन का लाभ मिलता है? इस पर उन्होंने कहा कि भारत दौड़ रहा है। हम पहली सीढ़ी पर चढ़ें हैं। आने वाले समय में हमारा खुद का स्पेस स्टेशन होगा। कई बार यहां तनाव होता है लेकिन मैडिटेशन की वजह से खुद को शांत रखने में बहुत मदद मिलती है।
क्या कोई ऐसा एक्पेरिमेंट है जो खेती और हेल्थ एक्स्ट्र में फायदा पहुंचाएगा? पीएम मोदी ने पूछा तो शुभांशु ने जवाब दिया कि पहली बार 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट अपने साथ लेकर आया हूं। अंतिरक्ष में आने पर ग्रेविटी नहीं होती, इससे मसल का नुकसान होता है तो हम यह देखना चाह रहे हैं कि क्या सप्लीमेंट से इसे रोका जा सकता है। भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बड़े सपने देखे हैं। इस सपने को पूरा करने के लिए सभी के साथ की जरूरत है। सफलता के लिए एक रास्ता नहीं है लेकिन एक कॉमन मंत्र है कि आप कभी हार नहीं मानेंगे। सफलता आज आए या कल आए लेकिन आएगी जरूर।
पीएम मोदी ने दिया होमवर्क
शुभांशु से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आप मुझे जानते हैं कि जब भी मेरी किसी से बात होती है तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। उन्होंने कहा कि हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है। हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है और चन्द्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशन में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे यकीन है कि आप वहां अपने अनुभव को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।
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