PM Modi ISRO Command Center Speech: पीएम मोदी अपनी 2 देशों की 4 दिवसीय यात्रा को पूरा कर शनिवार को सीधा बेंगलुरु लौटे। यहां वे इसरो मुख्यालय पहुंचे और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 3 बड़ी घोषणाएं की। पहली- भारत 23 अगस्त को हर साल ‘नेशनल स्पेस डे’ मनाएगा। दूसरी- चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह स्थान अब ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट कहलाएगा। तीसरी- चंद्रयान-3 के पद चिन्ह को ‘तिरंगा’ नाम से जाना जाएगा। पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन में शामिल वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। इससे पहले पीएम मोदी एयरपोर्ट से रोड शो करते हुए इसरो कमांड सेंटर पहुंचे। यहां इसरो चीफ एस सोमनाथ ने उनका स्वागत किया। पीएम ने इसरो चीफ को चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने पर बधाई दी।
जानें पीएम मोदी के स्पीच की 10 बड़ी बातें
- पीएम ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ब्रिक्स समिट को लेकर दक्षिण गया था इसके बाद फिर ग्रीस चला गया। लेकिन मेरा ध्यान पूरी तरह आपके साथ लगा हुआ था। मुझे ऐसा लगता है कि कभी-कभी मैं आपके साथ अन्याय कर देता हूं। उन्होंने कहा कि बेसब्री मेरी और मुसीबत आपकी। मैं भारत लौटकर जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था।
- इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि मैं आपको सैल्यूट करना चाहता हूं। सैल्यूट आपके परिश्रम को, सैल्यूट आपकी लगन को, सैल्यूट आपके जज्बे को। इस दौरान पीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर हमारा चंद्रयान टच हुआ उस हिस्से को शिव शक्ति नाम से जाना जाएगा।
- पीएम ने कहा कि आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं ये कोई साधारण कार्य नहीं है। यह उपलब्धि अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ का शंखनाद है। इंडिया इज ऑन द मून, वी हैव अवर नेशनल प्राइड प्लेड ऑन मून। उन्होंने कहा कि आज हम जहां पहुंचे वहां आज तक कोई नहीं पहुंचा। हमने वो किया जो आज तक किसी ने नहीं किया। ये आज का नया भारत है जो जुझना जानता है जो निर्भीक है जो नये तरीके से सोचता है। जो घने अंधेरे में उजाले की किरण फैला देता है।
- भारत 21वीं सदी में दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान करना जानता है। पीएम ने कहा कि मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त के उस दिन वो एक-एक सैकेंड घूम रहा है। जब हमारा चंद्रयान चांद पर उतरा तो पूरे देश में लोग खुशी से उछल पड़े। यह दृश्य अमर हो गया। हमने अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते हुए देखा। ये पल अपने आप में अद्भुत और अविस्मरणीय था। उस दिन हर भारतीय को लग रहा था कि आज उसकी उसकी विजय हुई है।
- पीएम ने वैज्ञानिकों से कहा कि मैं आपका जितना गुणगान करूं वो कम है। मैंने वो पल देखा है जब हमारे विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अंगद की तरह अपने पांव जमाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ विक्रम था तो दूसरी ओर विज्ञान का पराक्रम था। हमारा प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है। मानव सभ्यता के इतिहास में उस दिन भारत ने दुनिया को चांद के उस हिस्से की तस्वीर दिखाई जहां आज तक वहां कोई नहीं पहुंचा।
#WATCH मैं जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था और आपको सलाम करना चाहता था…आपके प्रयासों को सलाम: बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए PM मोदी भावुक हुए pic.twitter.com/ZC0gdmAOJ2
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2023
6. पीएम ने कहा कि आज दुनिया भारत के तकनीक और वैज्ञानिक सार्मथ्य का लोहा मान चुकी है। हमारा मिशन उस क्षेत्र में नई-नई खोज करेगा और दुनिया के सभी देशों के लिए नए रास्ते खोलेगा। पीएम ने इसके साथ ही चंद्रमा के उस हिस्से का नामकरण शिवशक्ति किया जिस हिस्से पर हमारे चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम से लैंड किया।
7.चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।
8.वैज्ञानिकाें को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घोषणा करते हुए कहा कि 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को अब ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
#WATCH जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, उस स्थान को 'शिवशक्ति' के नाम से जाना जाएगा: बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/nSHoYHBter
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2023
9. चंद्रयान 3 में महिला वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है यह ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा कि हमें विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करना है। मानवता का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्रतिबद्धता है।
10. पीएम मोदी ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कुछ ही वर्षों में भारत का अंतरिक्ष उद्योग 8 अरब डॉलर से बढ़कर 16 अरब डॉलर का हो जाएगा।