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गुजरात को PM मोदी ने दी 9700 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात, 2000 करोड़ की जनजातीय कल्याण योजना भी लॉन्च

प्रधानमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में कुल 9700 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी.

Author Written By: Akarsh Shukla Updated: Nov 15, 2025 23:48

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के भव्य एवं गौरवशाली समारोह में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भाववंदना करते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय देश के सम्मान, स्वाभिमान और स्वराज की रक्षा के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई, जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा तथा जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए जन-जन में चेतना जगाने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं.

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को यादगार बनाने और जनजातीय नायकों के शौर्य तथा अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए 2025 का वर्ष देश भर में जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में कुल 9700 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी. प्रधानमंत्री ने गुजरात के जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए 2000 करोड़ रुपए की जनजातीय कल्याण योजना भी लॉन्च की.

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प्रधानमंत्री ने सतपुड़ा पर्वतमाला में स्थित देवमोगरा धाम में जनजातियों की आराध्य याहा मोगी पांडोरी माता के दर्शन और पूजा-अर्चना कर धन्यता का अनुभव किया. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ खुली जीप में सवार होकर सभामंडप में मौजूद जनसमूह के बीच से गुजरते हुए जनजातीय बंधुओं का अभिवादन स्वीकार किया. प्रधानमंत्री ने विशाल जनजातीय समुदाय को संबोधित करते हुए आगे कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के शुभ अवसर पर हमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लेना है. यह वही जनमंत्र है जिससे ‘विकास में कोई पीछे न रहे और कोई विकास से वंचित भी न रहे’ की भावना के साथ सरकार ने जनजातियों के उत्कर्ष की राह चुनी है.

आजादी की लड़ाई और देश के विकास में जनजातियों के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने अतीत की सरकारों द्वारा जनजातीय समुदाय के प्रति बरती गई उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि छह दशकों तक देश पर शासन करने वाले विपक्ष द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की निरंतर उपेक्षा की गई. इतना ही नहीं, जनजातियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के बदले हाशिये पर धकेल दिया गया.

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प्रधानमंत्री ने जनजातीय बंधुओं को उनकी सरकार द्वारा दिए गए गौरव और सम्मान के संदर्भ में कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आर्थिक विकास के क्षेत्र में अनेक योजनाएं लागू कर जनजातीय समाज के उत्थान और विकास की प्रतिबद्धता दिखाई है. उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत अति पिछड़े जनजातियों के लिए 24,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. पीएम जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत देश के लगभग 60,000 गांव लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने अति पिछड़े जनजातीय जिलों को आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित कर अधिक बजट आवंटन के जरिए सर्वांगीण विकास की दिशा में प्रेरित किया है.

उन्होंने कहा कि लघु वनोपजों की संख्या 20 से बढ़ाकर 100 कर दी गई है. इसके अलावा, वनोपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ा दिया गया है और जनजातीय विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर कर राज्य और केंद्र सरकार साथ मिलकर निरंतर कर्तव्यरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदाय में पाई जाने वाली खतरनाक सिकल सेल बीमारी का सामना करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का अभियान चलाया है. इसके अलावा, जनजातीय क्षेत्रों में डिस्पेंसरी, चिकित्सा केंद्रों और अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई है. इसके परिणामस्वरूप अब तक देश के छह करोड़ जनजातीय नागरिकों की हेल्थ स्क्रीनिंग हो चुकी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातियों के इतिहास, कला, संस्कृति और प्राचीन भाषा को पुनर्जीवित करने के लिए बिरसा मुंडा आदिजाति यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा संवर्धन केंद्र के लिए गोविंद गुरु पीठ की भी स्थापना की है, जहां भील, गामित, वसावा, गरासिया, कोंकणी, संथाल, राठवा, नायक, दबला, चौधरी, कोंकणा, कुंभी, वारली और ढोडिया आदि सभी जातियों की बोलियों का अध्ययन किया जाएगा. इसके अंतर्गत जनजातीय गाथाओं, लोक काव्यों, लोक कहानियों और प्राचीन गीतों का संग्रह और संरक्षण किया जाएगा. उन्होंने हजारों वर्षों से चली आ रही जनजातीय कला और संस्कृति का गौरवगान करने और उसे भारतीय चेतना का अभिन्न हिस्सा बनाने के सरकार के प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी.

प्रधानमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रों में अतीत की विकट स्थिति की याद ताजा करते हुए कहा कि दो दशक पहले अंबाजी से उमरगाम तक के जनजातीय पट्टे में एक भी साइंस कॉलेज नहीं था, जबकि गत दो दशकों में दो दर्जन साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स कॉलेज शुरू हुए हैं. इन क्षेत्रों में शिक्षा, सुविधाओं, योजनाओं और आर्थिक गतिविधियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने गुजरात में वनबंधु कल्याण योजना का दायरा बढ़ाकर अंबाजी से उमरगाम तक के जनजातीय बेल्ट तक विकास के फल पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व की सराहना की.

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की भाववंदना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी समाज के वीरों को सम्मान देकर भव्य इतिहास को पुनर्जीवित कर लोगों के समक्ष रखा और ‘विकास भी, विरासत भी’ को साकार किया है. पटेल ने कहा कि देश को स्वतंत्रता दिलाने में बड़ा योगदान देने वाले जनजातियों के आराध्य भगवान बिरसा मुंडा तथा अनेक जनजातीय वीर शहीदों का भव्य इतिहास स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद दशकों तक उपेक्षित था. उन्हें सम्मान दिलाने कार्य प्रधानमंत्री ने किया है. प्रधानमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती 15 नवंबर को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की परंपरा का सूत्रपात किया है.

मानगढ़ क्रांति के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि मानगढ़ क्रांति संग्राम के सेनानी गोविंद गुरु तथा भील बांधवों की स्मृति में गोविंद गुरु स्मृति वन का मानगढ़ में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से निर्माण हुआ है. प्रधानमंत्री ने अंग्रेजों के दमन का शिकार हुए 1200 जनजाति बंधुओं का स्मारक भी साबरकांठा के पाल-दढवाव में स्थापित कर उन अमर शहीदों का इतिहास लोगों के समक्ष रखा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसी भव्य विरासत को संजोए बैठे जनजातीय समाज को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए अनेक सफल आयाम पूरे किए हैं. उन्होंने ही उमरगाम से अंबाजी तक के संपूर्ण जनजातीय पट्टे के सर्वग्राही विकास के लिए वनबंधु कल्याण योजना शुरू कराई थी. भूपेंद्र पटेल ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री जनजाति दिवस न्याय महाअभियान-पीएम जनमन के लिए 24 हजार करोड़ रुपए का मिशन शुरू हुआ है. गुजरात ने प्रधानमंत्री की हर योजना के क्रियान्वयन में अग्रसर रहने की प्राप्त की गई उपलब्धियों को इस पीएम जनमन में भी बनाए रखा है. मुख्यमंत्री ने विशेष कमजोर आदिम समूहों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत आवास आवंटन में गुजरात द्वारा देश में बेस्ट परफॉर्मर स्टेट का पुरस्कार प्राप्त किए जाने पर गौरव व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ कराया है. गुजरात में इस अभियान में 21 जिलों में 700 से अधिक सेवा शिविर आयोजित कर 5 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को समाविष्ट किया गया है और लगभग 22 विकासोन्मुखी योजनाओं का लाभ 1 लाख से अधिक जनजातीय बंधुओं को दिया है. शिक्षा एवं स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में एक समय विज्ञान संकाय के स्कूल नहीं थे, परंतु आज प्रधानमंत्री के दिशादर्शन में जनजातीय क्षेत्रों में 12 साइंस कॉलेज, 2 यूनिवर्सिटी और 11 मेडिकल कॉलेज होने के कारण जनजातीय परिवारों की संतानें डॉक्टर-इंजीनियर बनने लगी हैं.

उन्होंने जोड़ा कि जनजातीय समुदायों की स्वास्थ्य सुख-सुविधा को और अधिक सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से गुजरात जीनोम सीक्वेंसिंग प्रोजेक्ट शुरू करने वाला देश का प्रथम राज्य बना है. मुख्यमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा तथा जनजातीय समाज के योगदान को लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्य में 7 से 13 नवंबर के दौरान जनजातीय गौरव रथयात्रा के आयोजन की सफलता का भी वर्णन किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिरसा मुंडा के वंशजों सुखराम मुंडा व रवि मुंडा को शॉल ओढ़ाकर तथा पुष्प गुच्छ अर्पित कर सम्मानित किया.

जनजाति कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों ने सरकारी योजनागत सहायता से जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तन के अनुभवों का प्रधानमंत्री के समक्ष वर्णन किया. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने गुजरात एसटी निगम की भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय परिवहन बसों को हरी झंडी दिखाकर प्रस्थान कराया. प्रधानमंत्री ने मंच पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी भाववंदना की. प्रधानमंत्री को जनजाति समुदाय के प्रतीक समान कोटी, कड़ा और गमछा अर्पित कर उनका स्वागत किया गया. सभी उपस्थितों ने जनजाति विकास को प्रस्तुत करने वाली शॉर्ट वीडियो फिल्म देखी.

इस अवसर पर राज्य के आदिजाति विकास मंत्री नरेशभाई पटेल, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां राज्य मंत्री डॉ. जयरामभाई गामित, प्रदेश संगठन अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा, सांसद मनसुखभाई वसावा, विधायक मती दर्शनाबेन देशमुख, आदिजाति विकास विभाग की प्रधान सचिव मती शाहमीना हुसैन, जनजाति विभाग के निदेशक आशिष कुमार, जिला कलेक्टर एस. के. मोदी, जिला पुलिस अधीक्षक सु विशाखा डबराल, पदाधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी और बड़ी संख्या में जनजातीय नागरिक उपस्थित रहे.

First published on: Nov 15, 2025 11:48 PM

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