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क्या है G-7, भारत क्यों नहीं है सदस्य; सीजफायर के बाद पहली बार ट्रंप से मिलेंगे पीएम मोदी

PM Modi G7 invitation: कनाडा में 15 से 17 जून तक जी-7 समिट का आयोजन होना है। इस समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता मिला है। ऐसे में आइये जानते हैं इस समिट की क्या उपयोगिता है? क्या पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र समिट में करेंगे?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jun 8, 2025 14:05
G7 Summit 2025 PM Modi
2019 में फ्रांस में हुई जी-7 समिट में ट्रंप और पीएम मोदी (Pic Credit-X)

G7 Summit 2025: कनाडा में 15 से 17 जून तक जी-7 शिखर सम्मेलन की बैठक आयोजित होनी है। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। बैठक को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कॉर्नी ने पीएम मोदी को न्योता भेजा है। मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को फोन कर समिट में आने का न्योता दिया तो वहीं पीएम ने कॉर्नी का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें चुनावी जीत पर बधाई दी। इस समिट में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और जापान शामिल हैं। भारत जी-7 का सदस्य नहीं है। फिर भी उसे न्योता दिया गया है ऐसे में आइये जानते हैं जी-7 क्यों बनाया गया?

भारत पिछले 6 सालों से जी-7 में लगातार शिरकत करता आया है। आमतौर पर मेजबानी करने वाला देश ही भारत को आमंत्रित करता है। जी-7 देशों को ग्रुप ऑफ सेवन भी कहते हैं। यह दुनिया के 7 बड़े विकसित देशों का गठजोड़ है। बारी-बारी से हर साल एक देश इसकी अध्यक्षता करता है, इस बार बारी कनाडा की है। पहले इस ग्रुप में रूस भी शामिल था लेकिन रूस ने 2014 में जब क्रीमिया पर हमला किया तो उसके बाद रूस को ग्रुप से निकाल दिया गया।

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दुनिया की जीडीपी में 28.4 प्रतिशत हिस्सेदारी

जी-7 ग्रुप की शुरुआत 1975 में हुई। इसकी वजह तेल उत्पादक देशों द्वारा की जा रही मनमानियों से उत्पन्न होने वाली आर्थिक चुनौतियों से निपटना था। इस ग्रुप का न तो कोई हेडक्वार्टर है और ना ही कोई कानूनी अस्तित्व। भारत इसका सदस्य इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि जब यह ग्रुप अस्तित्व में आया उस समय भारत गरीब देशों में था। वहीं जी-7 अपने ग्रुप का विस्तार नहीं करता, ऐसे में अभी तक कोई नया सदस्य उसमें शामिल नहीं हुआ है।

जी-7 देशों का दुनिया की जीडीपी में 28.4 हिस्सा है। जी-7 देश सालभर बैठकें करते हैं। इनमें कई समझौते होते हैं। दुनिया की बड़ी घटनाओं पर इनकी ओर से बयान भी जारी किए जाते हैं। भारत के अलावा इस जी-7 की बैठक में ब्राजील, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया शामिल होंगे।

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5 बार हिस्सा ले चुके हैं मनमोहन सिंह

बता दें कि जी-7 समिट में भारत के प्रधानमंत्री पहले भी हिस्सा लेते रहे हैं। 2004 से 2014 के बीच पीएम मनमोहन सिंह करीब 5 बार समिट में शामिल हुए। 2019 में पहली बार पीएम मोदी को इस समिट का न्योता मिला। वे फ्रंास पहुंचे। इसके बाद वे जर्मनी, जापान, इटली में आयोजित हुई बैठक में शामिल हुए।

क्या सीजफायर पर ट्रंप से बात करेंगे पीएम?

ऐसे में अब देखना यह होगा कि सीजफायर के बाद ट्रंप और पीएम मोदी की यह पहली मीटिंग है। सीजफायर को लेकर ट्रंप लगातार बयानबाजी कर रहे हैं हालांकि पीएम उनसे इस बात का जिक्र करे ऐसा मुश्किल ही लगता है। जबकि अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ वे मीटिंग कर सकते हैं इसमें जापान, जर्मनी, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन प्रमुख है।

First published on: Jun 08, 2025 02:04 PM

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