प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीलंका यात्रा से लौटते समय एक दिव्य संयोग देखने को मिला। उन्होंने विमान से पौराणिक राम सेतु के दर्शन किए, और उसी क्षण अयोध्या में प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का आयोजन चल रहा था। पीएम ने X पोस्ट पर लिखा यह पल न केवल आध्यात्मिक रूप से भावुक कर देने वाला था, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को फिर से उजागर करने वाला भी था।
पीएम में पंबन रेल पुल का उद्घाटन किया। रेल पुल रामेश्वरम को देश से जोड़ता है। रामेश्वरम, तमिलनाडु में स्थित एक पवित्र द्वीप है जिसे पंबन द्वीप भी कहा जाता है। यहां स्थित रामनाथस्वामी मंदिर विश्व का सबसे लंबा स्तंभयुक्त गलियारा वाला मंदिर है और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि भगवान राम ने यहां रावण वध के बाद भगवान शिव की पूजा कर ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति प्राप्त की थी।
राम सेतु: पौराणिक सेतु से जुड़ा भूगर्भीय प्रमाण
राम सेतु को आदम्स ब्रिज भी कहा जाता है। यह भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाला एक प्राचीन स्थल मार्ग है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक भूगर्भीय संरचना है, लेकिन हिंदू आस्था में यह भगवान राम की सेना द्वारा बनाया गया पुल है, जिससे वे लंका पहुंचे थे। पंबन ब्रिज: भारत का पहला समुद्री रेल पुल 1914 में शुरू हुआ। पंबन ब्रिज भारत का पहला समुद्र पर बना रेल पुल था। यह पुल रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ता है। 1964 में आए विनाशकारी चक्रवात में यह पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन 67 दिनों के अंदर इसे दोबारा चालू कर दिया गया। यह एक इंजीनियरिंग की मिसाल है।
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नया पंबन ब्रिज: भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज
रेल मंत्रालय द्वारा 2019 में शुरू किया गया नया पंबन ब्रिज नवंबर 2024 में पूरा हुआ था। यह पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है ।इसकी लंबाई 2.1 किलोमीटर इसकी लिफ्टिंग टाइम: 5 मिनट 30 सेकंड, इस पर ट्रेन की स्पीड लिमिट 75 किमी/घंटा रखी गई है। खासियत ये है कि ये जंग रोधी निर्माण जो 35 वर्षों तक सुरक्षित रहेगा।
रेल संपर्क का विस्तार: तीर्थयात्रियों के लिए सौगात
नए ब्रिज के निर्माण और खुलने के साथ रामेश्वरम अब देश के कोने-कोने से ट्रेन सेवाओं से जुड़ेगा। इसमें चेन्नई, मदुरै, वाराणसी, अयोध्या, कोयंबटूर, ओखा और भुवनेश्वर जैसे शहरों से सीधी ट्रेनें शामिल होंगी। राम सेतु, रामनाथस्वामी मंदिर और नया पंबन ब्रिज – ये तीनों प्रतीक हैं भारत की आस्था, विरासत और आधुनिक तकनीक के। प्रधानमंत्री मोदी का राम सेतु के दर्शन का अनुभव इस बात का प्रमाण है कि कैसे हमारी आध्यात्मिक चेतना और आधुनिकता एक साथ आगे बढ़ रही है।
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