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10 साल में जन औषधि केंद्रों ने 30 हजार करोड़ बचाए, 10 हजार नए केंद्र खोलेगी सरकार; ये है योजना

केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी है कि सरकार ने 28 फरवरी तक देशभर में 15 हजार से अधिक जन औषधि केंद्र खोले हैं। सरकार ने मार्च 2025 तक इन केंद्रों को खोलने का लक्ष्य रखा था। समय सीमा से दो महीने पहले ही सरकार इस लक्ष्य को हासिल कर चुकी है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 29, 2025 10:34
PM Jan Aushadhi Kendra

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के तहत 15000 से अधिक जन औषधि केंद्र (JAK) स्थापित करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। सरकार ने मार्च 2025 की समय सीमा तय की थी, लेकिन इससे दो महीने पहले ही लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। 28 फरवरी तक देशभर में कुल 15057 जन औषधि केंद्र सेवा दे रहे हैं। शुक्रवार (28 मार्च) को संसद को पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोकसभा में यह जानकारी दी। नड्डा ने कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2025 तक तक 15000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा था, जिसे जनवरी 2025 में पूरा कर लिया गया। नड्डा ने कहा कि सरकार ने अब जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क को मार्च 2026 तक 20000 और मार्च 2027 तक 25000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

दवाओं की कीमत 80 फीसदी तक कम

इस योजना के तहत 2047 प्रकार की दवा और 300 प्रकार के सर्जिकल उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं, जो हृदय रोगों, डाइबिटीज, एंटी-इंफेक्टिव, ऑन्कोलॉजी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे जरूरी मेडिकल सेक्टर्स को कवर करते हैं। इन उत्पादों की कीमत उनके समकक्षों की तुलना में 50 से 80 फीसदी कम रखी गई है। प्राइवेट सेक्टर में इन दवाओं को बिना किसी अतिरिक्त छूट के निश्चित एमआरपी पर बेचा जाता है।

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नड्डा ने कहा कि उनकी योजना का लक्ष्य अधिक दवाओं की आपूर्ति करना है, ताकि जन औषधि केंद्रों से लोग सस्ते दामों पर दवाओं की खरीद कर सकें। वितरण और आपूर्ति चेन का विस्तार करते हुए दवाओं की स्टोरेज के लिए गुरुग्राम में एक केंद्रीय गोदाम बनाया गया है। इसके अलावा बेंगलुरु, चेन्नई, सूरत और गुवाहाटी में भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है। सरकार ने 36 वितरकों को जन औषधि केंद्रों से दवाओं की सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी है।

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पिछले साल से 33 फीसदी अधिक बिक्री

मंत्री के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 फरवरी तक 1767.18 करोड़ रुपये की दवाइयां बेची गई हैं, जो पिछले वर्ष के 1327 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री की तुलना में 33 फीसदी अधिक है। सरकार ने उद्यमियों, एनजीओ, ट्रस्टों समेत निजी फर्मों से औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा है। जेएके खोलते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि दूसरे केंद्र से इसकी दूरी न्यूनतम 1 किलोमीटर हो।

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ब्लॉक और जिला स्तर पर जेएके खोलने की सुविधा सरकार ने प्रदान की है। पिछले 10 साल की बात करें तो एमआरपी के आधार पर 6975 करोड़ रुपये की दवाएं जेएके के माध्यम से बेची गई हैं। इसके परिणामस्वरूप ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना में लोगों को 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। औषधि केंद्रों से रोजाना 10-12 लाख लोग सस्ती दवाइयां खरीदते हैं।

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Parmod chaudhary

First published on: Mar 29, 2025 10:34 AM

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