Indian Airlines Flight 440 Crash Memoir: 20000 फीट की ऊंचाई से जहाज 500 मील की रफ्तार से नीचे आया, लेकिन लैंडिंग करते समय जहाज हाई टेंशन वाली बिजली की तारों से टकरा गया। टक्कर लगते ही जोरदार धमाका हुआ और जहाज आसमान में ही आग का गोला बना गया। इसके बाद लोगों ने खाली मैदान में जहाज का मलबा और पैसेंजरों की लाशें देखीं।
हादसे में 48 लोग जिंदा जलकर मर गए थे। मरने वालों में देश के 3 राजनेता और एक मशहूर बिजेसमैन शामिला था। हादसा आज से 51 साल पहले आज ही की तारीख में 31 मई 1973 को हुआ था। देश की राजधानी दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर इंडियन एयरलाइंस के जहाज को क्रैश होते लोगों ने अपनी आंखों से देखा था। भारत के इतिहास का वह सबसे भीषण विमान हादसा था।
बोइंग प्लेन सारंगा हुआ था हादसे का शिकार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 440 ने बोइंग 737-200 प्लेन में उड़ान भरी थी और प्लेन का नाम सारंगा था। फ्लाइट मद्रास एयरपोर्ट, चेन्नई, तमिलनाडु से टेकऑफ हुई थी, जिसे नई दिल्ली के पालम इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अब इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) पर लैंड होना था, लेकिन लैंडिंग के समय प्लेन धूल भरी आंधी और तूफान में फंस गया।
इससे पायलट बिजली की तारों को नहीं देख पाया और प्लेन उन तारों से टकरा गया। टक्कर लगते ही प्लेन में आग लग गई थी। हादसे की जांच हुई तो जांच करने वालों ने पाया कि पायलट निर्धारित ऊंचाई से ज्यादा नीचे आकर लैंडिंग कर रहा था। ऐसे में पायलट की गलती के कारण हादसा हुआ।
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हादसे में मारे गए थे ये लोग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में मारे गए लोगों में 4 पैसेंजर अमेरिका के, 3 ब्रिटेन के और एक यमन की महिला शामिल थी। देश के उस समय के लौह और इस्पात खान मंत्री मोहन कुमारमंगलम , लोकसभा सदस्य और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के. बालधनयुथम, पूर्व राज्यसभा सांसद और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता देवकी गोपीदास और मशहूर बिजनेसमैन रघुनाथ रेड्डी काकानी शामिल थे।
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