---विज्ञापन---

पाबंदी के बाद भी कैसे ज़िंदा है PFI? बड़े ख़तरे की आहट, सरकार के लिए चुनौती

– रश्मि शर्मा पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया यानी PFI पर पाबंदी के बाद भी क्या इसपर पर अंकुश लग पाया है? यह सवाल इसलिए भी क्योंकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की बिहार के मोतिहारी से प्रतिबंधित संगठन PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि पाबंदी का असर अभी नहीं दिख […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Feb 11, 2023 12:29
Share :
PFI, Popular Front of India, India crime news

– रश्मि शर्मा

पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया यानी PFI पर पाबंदी के बाद भी क्या इसपर पर अंकुश लग पाया है? यह सवाल इसलिए भी क्योंकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की बिहार के मोतिहारी से प्रतिबंधित संगठन PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि पाबंदी का असर अभी नहीं दिख रहा। उम्मीद के मुताबिक इस संगठन के लोगों पर अंकुश नहीं लग पाया है। हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के श्योपुर से PFI के एक पदाधिकारी की गिरफ्तारी भी हुई थी। इंदौर से भी इस संगठन से जुड़ी एक युवती पकड़ी गई। मतलब साफ है, अभी भी पापुलर फ्रंट के लोग सक्रिय हैं।

---विज्ञापन---

देश के अलग-अलग हिस्सों से पकड़े गए PFI सदस्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। वो लोगों को भड़काने, माहौल खराब करने जैसी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक सक्रिय PFI के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरुरत अब महसूस होने लगी है, ताकि उनपर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके और यह संदेश भी दिया जा सके कि, उनकी अब ख़ैर नहीं है। हाल के दिनों में यह भी देखने को मिला की प्रतिबंध के बाद PFI के लोग दूसरे संगठनों में शामिल हो गए और वहां से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं। ऐसे में कड़ी निगरानी जरुरी है।

और पढ़िए कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल निलंबित, सदन की कार्यवाही कर रही थीं रिकॉर्ड

---विज्ञापन---

केंद्र के साथ राज्यों की पुलिस और सरकार को सतर्क होना पड़ेगा तभी इस समस्या से निजात मिल सकती है। जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के सदस्य आतंकी समूहों से मिलकर विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की फ़िराक़ में हैं, इसके अलावा उनकी कोशिश देश को इस्लामी राष्ट्र बनाने की भी है। हालांकि, इसी बीच PFI के सदस्य भी गिरफ्तार किए गए हैं। पाबंदी के बाद भी देशभर से PFI के करीब चार सौ सदस्य पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या पाबंदी के बाद इस संगठन के लोग चुप बैठेंगे? क्या इनकी गतिविधियों पर रोक लग पाएगी?

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि, PFI के सदस्य दूसरे संगठनों से जुड़कर फिर से काम करने लगे है। ऐसा पूर्व में भी देखने को मिला था। जब सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी संगठन बदल कर काम करते थे। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में पीएफआई जैसे दूसरे देशविरोधी संगठन नहीं चल रहे। बहुत हद तक उन संगठनों के विदेशी आतंकी संगठनों से साठगांठ की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

और पढ़िए Rajasthan: गहलोत सरकार के खिलाफ BJP अल्पसंख्यक मोर्चा ने निकाला मार्च, पूनियां बोले- 2023 में बदलेगी सत्ता

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और बांग्लादेश आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहा है, ऐसे में इन देशों के रास्ते भी आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। बांग्लादेशियों की घुसपैठ का असर असम और बंगाल के साथ बिहार एवं झारखंड में भी देखने को मिलता रहा है, जबकि, पंजाब और कश्मीर में पाकिस्तानी घूसपैठियों का। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों और सरकारों को इनसे सजग रहना होगा और अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी, ताकी आने वाली मुश्किलों से पार पाया जा सके।

और पढ़िए देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Written By

Sunil Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Feb 10, 2023 04:27 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें