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महिलाओं की पीरियड्स में हो छुट्टी, SC में याचिका, 24 फरवरी को सुनवाई

नई दिल्ली: पूरे देश में कामकाजी महिलाओं की पीरियड्स के दौरान छुट्टी हो। इस बारे में नियम बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अब इस याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ 24 फरवरी हो सुनवाई करेगी। कई कंपनियां देती हैं पेड पीरियड लीव जानकारी के […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 16, 2023 11:57
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फाइल फोटो

नई दिल्ली: पूरे देश में कामकाजी महिलाओं की पीरियड्स के दौरान छुट्टी हो। इस बारे में नियम बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अब इस याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ 24 फरवरी हो सुनवाई करेगी।

कई कंपनियां देती हैं पेड पीरियड लीव

जानकारी के मुताबिक यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है। याचिका में कुछ ऐसी कंपनियों का जिक्र किया गया है जहां पर पेड पीरियड लीव दी जाती है। याचिका में कहा गया है कि मेघालय ने इस बारे में 2014 में ही एक अधिसूचना जारी की थी। बिहार में 1992 की नीति के तहत स्पेशल पीरियड लीव प्रदान की की थी।

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पीरियड लीव देने से इनकार संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन

आगे याचिका में कहा गया है कि किसी भी राज्य का पीरियड लीव देने से इनकार संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा। याची ने आग्रह किया है कि अदालत राज्य सरकारों को पीरियड्स की छुट्टी के लिए नियम बनाने का निर्देश जारी करे। मातृत्व लाभ अधिनियम की धारा 14 का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाए।

महिलाओं की एक नागरिकता और हो एक समान व्यवहार

याचिका के मुताबिक महिलाएं अपने मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित होती हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में उनके साथ अलग तरह से व्यवहार किया जाता है। याची के अनुसार जब महिलाओं की एक नागरिकता है तो उनके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।

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First published on: Feb 15, 2023 06:39 PM

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