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‘हिंदी का विरोध तो डब फिल्में बनाकर लाभ क्यों?’डिप्टी CM पवन कल्याण का नेताओं पर तंज

तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच ट्राई लैग्वेंज पाॅलिसी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। इस बीच आंध्रप्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने इसको लेकर डीएमके लीडर्स को फटकार लगाई है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Mar 15, 2025 08:31
Pawan Kalyan on Tamil Nadu Language Debate
Pawan Kalyan on Tamil Nadu Language Debate

Pawan Kalyan on Tamil Nadu Language Debate: जनसेना पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने केंद्र के साथ लैंग्वेज विवाद को लेकर डीएमके की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि डीएमके के नेता हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन पैसे के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करते हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोग संस्कृत की आलोचना क्यों कर रह हैं? पवन कल्याण ने कहा कि वे बाॅलीवुड से पैसा चाहते हैं, लेकिन हिंदी का विरोध भी करते हैं।

पवन कल्याण ने ये बातें जनसेना पार्टी के 12वें स्थापना दिवस समारोह में कही। डिप्टी सीएम ने कहा कि भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं। उन्होंने भाषाई विविधता पर जोर देते हुए कहा कि देश को दो प्रमुख भाषाओं की बजाय तमिल समेत कई भाषाओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें भाषाई विविधता को अपनाना चाहिए। इससे देश में न सिर्फ एकता और अखंडता बढ़ेगी बल्कि हमारे लोगों के बीच प्यार और एकता भी बढ़ेगी।

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बता दें कि डिप्टी सीएम का यह बयान तब आया जब सीएम स्टालिन ने 13 मार्च को बयान देकर कहा कि एनईपी भारत के विकास को बढ़ावा देने के लिए नहीं बल्कि हिंदी को बढ़ावा देने वाली भगवा नीति है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा पद्धति के कारण तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली नष्ट हो जाएगी। स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शिक्षा नीति नहीं बल्कि यह भगवाकरण नीति है। यह नीति भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास के लिए बनाई गई है।

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हमें नहीं मिल रहा पैसा

स्टालिन यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि एनईपी नीति हम लागू नहीं कर रहे हैं, इसलिए तमिलनाडु को केंद्र सरकार से पैसा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपने कर का हिस्सा मांग रहे हैं, जिसे अपने प्रयासों के जरिए चुकाया है। हमने एनईपी को स्वीकार नहीं किया है, इसलिए वे पैसा देने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि एनईपी योजना सभी को शिक्षा के दायरे में लाती तो हम उसका स्वागत करते। उन्होंने कहा कि इस नीति में वे सभी तत्व हैं जो लोगों को शिक्षा से दूर रखते हैं। यह नीति ऐसी ही है इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।

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First published on: Mar 15, 2025 08:13 AM

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